गोंडवाना यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को अब शिक्षा के साथ मिलेगा रोजगार
शिक्षा गोंडवाना यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को अब शिक्षा के साथ मिलेगा रोजगार
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। चंद्रपुर और गड़चिरोली जिले के लिए पृथक रूप से आरंभ किए गए गोंडवाना विश्वविद्यालय के माध्यम से विद्यार्थियों को अब शिक्षा के साथ रोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा। पद्मश्री डा. अभय बंग के स्पार्क नामक पाठ्यक्रम को राज्यपाल कार्यालय द्वारा मान्यता मिलने के बाद अप्रैल माह से गोंडवाना विवि ने स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए साॅफ्टेवेयर डेवलपमेंट, टैली प्रशिक्षण, ट्रैवल्स टूरिज्म जैसे क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने प्रशिक्षण शिविर का आयोजन भी शुरू कर दिया है। प्रशिक्षण के लिए विवि के तहत आने वाले महाविद्यालयों के कुल 1 हजार 150 विद्यार्थियों ने अपना पंजीयन करवाया। जिनमें से योग्यतानुसार 350 विद्यार्थियों का प्रशिक्षण आरंभ किया गया। कुल 45 दिनों के इस प्रशिक्षण में विद्यार्थियों को प्रति माह 10 हजार रुपए की छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाएगी। इस आशय की जानकारी विवि कुलपति डा. प्रशांत बोकारे ने पत्र-परिषद में दी।
कुलपति डा. बोकारे ने बताया कि, 11 अक्टूबर 2021 को राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने चातगांव का दौरा करते हुए पद्मश्री डा. अभय बंग से चर्चा की थी। चर्चा के दौरान डा. बंग ने विद्यार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विवि में स्पार्क (सोशल प्रोग्राम ऑन एडिक्शन इन रूरल कम्युनिटी) नामक पाठ्यक्रम आरंभ करने की गुजारिश की थी। इस गुजारिश पर राज्यपाल कोश्यारी ने यह पाठ्यक्रम विवि में शुरू करने की मान्यता प्रदान की। जिसके बाद जनवरी 2022 से यह पाठ्यक्रम आरंभ किया गया। पाठ्यक्रम के तहत महाराष्ट्र सरकार और राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के सहयोग से विवि में मॉडल डिग्री कालेज की स्थापना की गई है। शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में विद्यार्थियों के लिए कुल तीन पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। इसमें साॅफ्टेवेयर डेवलपमेंट, टैली प्रशिक्षण, ट्रैवल्स टूरिज्म का समावेश किया गया है। विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने के लिए सरकार ने अब तक कुल 25 लाख रुपए की निधि भी प्रदान कर दी है। कुलपति डा. बोकारे ने बताया कि, दिसंबर 2022 के अंत तक चंद्रपुर और गड़चिरोली जिले के करीब 500 विद्यार्थियांे को उक्त पाठ्यक्रम से रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। कुलपति ने विद्यार्थियों को बड़ी संख्या में प्रशिक्षण में हिस्सा लेने का आह्वान किया। पत्र-परिषद में विवि के प्र-कुलपति डा. श्रीराम कावले, कुलसचिव डा. अनिल चिताडे, डा. कागे प्रमुखता से उपस्थित थे।
यूनिवर्सिटी में स्थापित होगा सीआईआईआईटी केंद्र : गोंडवाना विश्वविद्यालय परिक्षेत्र के आदिवासी और अन्य घटक के विद्यार्थियों को कौशल पर आधारित प्रशिक्षण देने के लिए टाटा टेक्नोलॉजी की ओर से सारी सुविधायुक्त सीआईआईआईटी केंद्र की स्थापना की जाएगी। इस केंद्र के लिए जिला प्रशासन, गोंडवाना विवि और टाटा टेक्नोलॉजी के साथ जल्द ही करार भी होगा। टाटा टेक्नोलाॅजी की ओर से इस केंद्र के लिए 168 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। केंद्र के माध्यम से विवि के विद्यार्थियों को विवि स्तर पर भी रोजगार उपलब्ध कराने का मानस है। यह जानकारी भी कुलपति डा. प्रशांत बोकारे ने पत्रकारों को दी।