ई-फसलों का पंजीयन न करने वाले किसानों को दें हस्तलिखित सातबारा
मांग ई-फसलों का पंजीयन न करने वाले किसानों को दें हस्तलिखित सातबारा
डिजिटल डेस्क, कोरची (गड़चिरोली) राज्य सरकार ने समर्थनमूल्य धान खरीदी केंद्रों में धान की बिक्री करने के लिए किसानों को ई-फसल पंजीयन की प्रक्रिया पूर्ण करने की शर्त रखी है। यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होने और इसमें अनेक प्रकार की खामियां होने से किसान ई-फसल पंजीयन नहीं कर पा रहे हैं। इस कारण किसानों को खुद का सात-बारह प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं हो रहा है। किसानों को हो रही परेशानी को देखते हुए ई-फसल पंजीयन न कराने वाले किसानों को पटवारी के जरिए हस्तलिखित सात-बारह प्रमाणपत्र देने की मांग किसान परिषद के जिलाध्यक्ष नंदकिशोर वैरागडे ने की है। यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में वैरागडे ने बताया कि, सरकार ने इस वर्ष ई-फसल पंजीयन की अवधि आगामी 10 नवंबर तक रखी है।
कोरची तहसील पूरी तरह आदिवासी बहुल और विकास से वंचित हैं। ग्रामीण इलाकांे में किसी भी कंपनी की इंटरनेट सुविधा उपलब्ध नहीं होने से पटवारी के पास मौजूद रिकार्ड में ई-फसल की सूची पूर्ण नहीं हो पाई है। पटवारी के पास पहुंचने के बाद अधिकांश किसानों के सात-बारह प्रमाणपत्र वेबसाइट में नहीं दिख रहे हैं। इस कारण किसानों को बार-बार पटवारी से मिलकर पूछताछ करनी पड़ रही हैं। पंजीयन के लिए अब नाममात्र दिन शेष होने से किसानों को धान बिक्री से वंचित भी रहना पड़ सकता है। इस वर्ष खरीफ सत्र के दौरान किसानों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करते हुए अपनी फसलों को बचाना पड़ा। अब उनकी फसल पूरी तरह तैयार हो गयी है। लेकिन धान को बेचने के लिए भी अब किसानों को जद्दोजहद करनी पड़ रही है। समस्या का निवारण करने की मांग वैरागड़े ने की है।