53 वर्ष से बिना भवन के चल रही हायर सेकेंडरी कन्या शाला
53 वर्ष से बिना भवन के चल रही हायर सेकेंडरी कन्या शाला
डिजिटल डेस्क करेली । जिले की व्यवसायिक नगरी कहे जाने वाले तहसील मुख्यालय करेली की एकमात्र हायर सेकण्डरी कन्या शाला पिछले 53 वर्षों सेे बिना भवन के संचालित हो रही है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर परीक्षा परिणाम के लिए प्रसिद्ध इस शाला में कक्षा 9 से 12 वीं तक की कक्षाओं में एक हजार से अधिक छात्राएं अध्ययनरत है लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि इसका अपना कोई भवन आज तक नहीं बन पाया। प्राथमिक कन्या शाला के भवन में यह स्कूल लग रहा है।
यह है छात्राओं की संख्या
शिक्षा और अनुशासन के मामले में विद्यालय पे अपनी अलग पहचान बनाई है इसलिए स्थानीय के अलावा आसपास के गांवों की छात्राएं भी असमें अध्ययन के लिए आती है। वर्तमान में प्राथमिक शाला में 70 छात्राएं, माध्यमिक शाला में 365 एवं हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी में 1021 छात्राएं अध्ययनरत है। इस छात्राओं केिि लिए मात्र 16 अध्ययन कक्ष के अलावा 5 अतिरिक्त कक्ष हैं।
न पार्किंग न खेल का मैदान
तहसील मुख्यालय की इस प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्था में आदर्श स्कूल भवन के नाम से कुछ भी नहीं है। छात्राओं को सुविधाजनक तरीके से बैठने के लिए न तो पर्याप्त कक्ष है न ही खेल ग्राउंड की कोई व्यवस्था है और न ही पार्किंग की कोई व्यवस्था ही है। साइकिलों से स्कूल आने वाली छात्राएं अपनी साइकिले छोटे से पिरसर अथवा स्कूल के बाहर सड़क किनारे खड़ी करती हैं।
सड़क पर खड़े होकर इंतजार
प्राथमिक शाला सुबह 7 से 12 तक संचालित होती है जिसके कारण दूसरी पाली की 6 से 12 तक का स्कूल लगता है। इस बीच में समय से कुछ पूर्व आने वाली छात्राओं खासकर ग्रामीण क्षेत्र की छात्राओं को स्कूल के बाहर ही सड़क पर स्कूल छूटने का इंतजार करना पडता है जिसके कारण सडक पर जाम की स्थिति बनती है वहीं छात्राओं को असुविधा भी होती है। गर्मी और बारिश के मौसम में यह समस्या जटिल रहती है।
राशि मिली, जगह नहीं
शासकीय उच्चतर माध्यमिक कन्या शाला के भवन निर्माण के लिए वर्ष 2007-08 में 54 लाख रुपये की स्वीकृत राशि की गई, लेकिन भवन के लिए जगह कहीं नहीं मिल सकी। इसलिए इस राशि का उपयोग प्राथमिक स्कूल भवन की मरम्मत और पुराने भवन के उपर नवनिर्माण के रुप में किया गया, लेकिन वास्तविक समस्या जस की तस है।
इनका कहना है।
कई बार पत्राचार और विभागीय अधिकारियों के समक्ष समस्या को रखा गया है परन्तु इसका स्थायी निराकरण नही हुआ है हम लगातार प्रयासरत है।
आरएन कौरव, प्राचार्य कन्या शाला करेली