परमबीर सिंह ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर की याचिका, गृहमंत्री के वसूली मामले की जांच सीबीआई से कराने की लगाई गुहार
परमबीर सिंह ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर की याचिका, गृहमंत्री के वसूली मामले की जांच सीबीआई से कराने की लगाई गुहार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर शीर्ष पद से अपने तबादले को चुनौती दी। पूर्व कमिश्नर ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली के आरोप लगाते हुए इसकी जांच सीबीआई से कराने की भी मांग की है।
इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार करते हुए मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर को बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख करने का निर्देश दिया था। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर सिंह के वकील मुकुल रोहतगी से सवाल किया था कि आप सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों आए, हाई कोर्ट क्यों नहीं गए। इस पर रोहतगी ने कहा था कि हम हाईकोर्ट चले जाएंगे आप कल सुनवाई का आदेश दीजिए।
बता दें कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास विस्फोटक से भरी स्कार्पियो मिली थी। इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच में अब तक जो भी कुछ सामने आया है उससे पता चलता है कि पूरे मामले की साजिश पुलिस मुख्यालय और असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर (API) सचिन वाझे के ठाणे स्थित घर पर रची गई थी। पुलिस मुख्यालय में स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन का पहले से ही आना-जाना था। इस केस में वाझे की भूमिका सामने आने के बाद उसे एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया था। बाद में मुंबई के तत्कालीन कमिश्नर परमबीर सिंह का भी तबादला कर दिया गया।
परमबीर सिंह ने तबादले के बाद मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर बड़ा खुलासा किया था। परमबीर सिंह ने कहा था कि अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को कई बार घर पर मिलने के लिए बुलाया। गृह मंत्री ने वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का लक्ष्य दिया था। गृह मंत्री ने वाजे को बताया था कि मुंबई में लगभग 1,750 बार, रेस्तरां और अन्य प्रतिष्ठान हैं। प्रत्येक से हर महीने 2-3 लाख अगर लिए जाएं तो 40-50 करोड़ का जुगाड़ हो जाएगा। गृह मंत्री ने कहा था कि बाकी बची रकम अन्य स्रोतों से बनाया जा सकता है।
परमबीर सिंह ने अपने इस पत्र में वसूली को लेकर एसपी पाटील नाम के एक पुलिस अधिकारी के साथ हुए उनके बातचीत का जिक्र भी किया है। परमबीर सिंह और एसपी पाटील के बीच 16 और 19 मार्च के बीच बातचीत हुई थी। हालांकि अनिल देशमुख ने इन दावों को गलत बताया था और परमबीर सिंह पर मानहानि का दावा करने की बात कही थी।
रश्मि शुक्ला मामले का भी उल्लेख, सीबीआई जांच की जरुरत
याचिका में सिंह ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला द्वारा गृहमंत्री पर तबादले व पोस्टिंग में भ्रष्टाचार के संबंध में किए गए खुलासे का भी जिक्र किया है। सिंह ने याचिका में कहा है कि वाझे ने उन्हें गृहमंत्री द्वारा दिए गए सौ करोड़ रुपए की वसूली के टारगेट को लेकर जानकारी दी थी। याचिका में सिंह ने कहा है कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई जांच जरूरी है। इसलिए इस बारे में तत्काल निर्देश जारी किया जाए।