पूर्व विधायक, पूर्व जिलाध्यक्ष, पूर्व नगर परिषद अध्यक्षों ने बैठक से बनाई दूरी
शहडोल पूर्व विधायक, पूर्व जिलाध्यक्ष, पूर्व नगर परिषद अध्यक्षों ने बैठक से बनाई दूरी
भाजपा के संवाद कार्यक्रम में शामिल होने शहडोल पहुंचे जिले के पूर्व प्रभारी मंत्री राजेंद्र शुक्ला बैठक समाप्त कर 12 अप्रैल को ही भले रवाना हो गए। यहां बैठक के समय से शुरु हुई सियासत थमने का नाम नहीं ले रहा। बैठक में पूर्व विधायक, पूर्व जिलाध्यक्ष, पूर्व नगर पालिका व नगर परिषद अध्यक्षों सहित अन्य पदाधिकारियों को शामिल होना था। इसमें ज्यादातर सदस्य शामिल नहीं हुए। जो लोग शामिल भी रहे तो उन्हे बैठक में नहीं रहना था। अब पार्टी के अंदर चर्चा इस बात की है कि पूर्व विधायकों से लेकर पूर्व जिलाध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों ने बैठक से दूरी बनाई है तो इसका असर आने वाले चुनाव पर तो नहीं पड़ेगा।
तीन साल का कार्यकाल समाप्त, प्रदेशाध्यक्ष का शहडोल में नहीं हुआ संगठनात्मक दौरा
संवाद बैठक में यह बात भी प्रमुखता से उठाया गया कि प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का तीन साल का कार्यकाल पूरा हो गया और शहडोल जैसे संभाग मुख्यालय में एक भी बार संगठनात्मक दौरा नहीं हुआ। पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि संगनात्मक दौरा नहीं होने के कारण पदाधिकारियों की सक्रियता पर असर पड़ा।
वरिष्ठों ने बताया पहले क्या होता था
- 80 के दशक में संगठन में विभिन्न पदों पर रहे आरपी त्रिपाठी बताते हैं कि पहले तो पार्टी का नारा था कि त्याग, तपस्या और बलिदान। अब तो वीआइपी कल्चर चल रहा है। होटलों में बैठकें हो रही है, कार्यकर्ताओं के घर नेताओं का जाना भी इवेंट हो गया है।
- 1986 से 88 तक जिलाध्यक्ष रहे व 1987 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का कार्यक्रम करने वाले जेठानंद भागदेव ने बताया कि उस दौर में स्वयं ही रिक्शा और माइक लेकर पहले कार्यक्रम की सूचना देते थे, स्थान बताते थे। पार्टी का हर निर्णय वरिष्ठों की सलाह से ही लेते थे।