पूर्व छात्रावास अधीक्षिका मनीषा राजे परमार निलंबित
पन्ना पूर्व छात्रावास अधीक्षिका मनीषा राजे परमार निलंबित
डिजिटल डेस्क पन्ना। जिला शिक्षा अधिकारी पन्ना सूर्य भूषण मिश्रा द्वारा कस्तूबरा गांधी बालिका छात्रावास की पूर्व छात्रावास अधीक्षिका एवं प्राथमिक शिक्षक शासकीय माध्यमिक शाला राघवेन्द्र टोला श्रीमती मनीषा राजे परमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित किये जाने के संबंध में आदेश जारी किया गया। निलंबित शिक्षिका श्रीमती परमार को निलंबित करते हुए निलंब अवधि में उनका मुख्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय गुनौर किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा की गई इस कार्यवाही को लेकर जो आदेश जारी हुआ उसके अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा दिनांक ०१ नवम्बर २०२२ को कस्तूराबा गांधी बालिका छात्रावास के बार्डन पद का प्रभार श्रीमती रश्मि पाठक माध्यमिक शिक्षक शासकीय माध्यमिक शाला राघवेन्द्र टोला को अस्थाई रूप से प्रदाया किये जाने से संबंधी आदेश जारी करते हुए श्रीमती मनीषा राजे परमार को बार्डन को तत्काल प्रभाव से समस्त प्रभार सौपे जाने के संबंध में आदेश जारी किया गया था किन्तु श्रीमती परमार द्वारा आदेश उपरांत भी छात्रावास से संबंधित प्रभार नही सौपा गया इस संबंध में श्रीमती रश्मि पाठक द्वारा जिला शिक्ष अधिकारी को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
जिसमें उनके द्वारा यह बात उल्लेख की गई श्रीमती परमार से जब उन्होनें प्रभार मांगा तो उनके द्वारा दिनांक ०४ नवम्बर को अपशब्दों का प्रयोग करके वाद-विवाद किया गया एवं उपस्थिति पंजी को काटने-फाडऩे का प्रयास किया गया। छात्रावास श्रीमती पाठक के प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद दिनांक ०७ नवम्बर २०२२ को संकुल प्राचार्य शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के समक्ष दोपहर ०२:३० बजे प्रभार हस्तांरण हेतु दी गई सूचना पर भी श्रीमती मनीषा राजे परमार छात्रावास के गेट पर आई और छात्राओंं को यह कह कर चल गई कि जब तक समिति जब पुन: आयेगी तब प्रभार दिया जायेगा। इसके बाद दिनांक ०८ नवम्बर एवं ०९ नवम्बर २०२२ की रात्रि को जिस अलमारी में छात्रावास से संबंधित महत्वपूर्ण अभिलेख संधारित थे उसमेें आग लगने की सूचना प्राप्त हुई जिस अलमारी महत्वपूर्ण अभिलेख थे उसमें आग लगाई गई एवं अलमारी के अगल-बगल जो अलमारियां थी वे पूर्णत: सुरक्षित थी। आगजनी घटना के पूर्व सीसीटीव्ही के तार सुनियोजित तरीके से पृथक कर दिये गये। श्रीमती परमार ०७ वर्ष से छात्रावास में वार्डन थी परंतु इस अवधि में इस प्रकार कोई घटना घटित नही हुई। वार्डन पद का प्रभार परिवर्तन करने के ०७ दिवस के उपरांत ही आगजनी की घटना होना एवं महत्वपूर्ण रिकार्ड जल जाना संदेहास्पद परिस्थतियों को निर्मित करता है। स्थिति से स्पष्ट है कि वरिष्ठ कार्यालय के आदेश का पालन न करते हुए संबंधीजन द्वारा प्रभार का हस्तातंरण त्वरितगति से नही किया गया साथ वाद-विवाद करते हुए शासकीय महत्वपूर्ण रिकार्ड को नष्ट करने का भी प्रयास किया गया।