पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी का दिल्ली में निधन
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी का दिल्ली में निधन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शुक्रवार को मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी का निधन हो गया। श्रीनिवास तिवारी कांग्रेस के दिग्गज नेता थे। वे 1952 में सबसे कम उम्र के विधायक बने थे। तिवारी 1993- 2003 तक विधानसभा अध्यक्ष रहे। जानकारी के अनुसार श्रीनिवास तिवारी ने दिल्ली के एस्कॉर्टस अस्पताल में अंतिम सांस ली। श्रीनिवास तिवारी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। 17 सितंबर 1926 को जन्में श्रीनिवास तिवारी स्वतंत्रता सेनानी थे।
मंगलवार को वरिष्ठ नेता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की तबियत बिगड़ी गई थी जिसके बाद उन्हें संजयगांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जिसके चलते परीक्षण के लिए अस्पताल ले जाया गया था। जहां पर उन्हें डाक्टरों ने एडमिट कर लिया था। गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों की सलाह पर उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाया गया था।
वहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के निधन पर सीएम शिवराज सिंह ने भी दुख जताया है। उन्होंने कहा कि वे विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के निधन का समाचार अत्यंत दुखदायी है।
विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के निधन का समाचार अत्यंत दु:खदायी है। दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को यह वज्रपात सहन करने शक्ति देने की प्रार्थना करता हूँ।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 19, 2018
कांग्रेस के सासंद और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी विधानसभा अध्यक्ष के निधन पर शोक जताया है।
हम सभी के मर्गदर्शक एवं मप्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष श्री निवास तिवारी जी के दुखद निधन पर उन्हें मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। इस दुःख की घड़ी में ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ की दिवंगत आत्मा को शांति एवं परिजनों को शक्ति प्रदान करें।
— Jyotiraditya Scindia (@JM_Scindia) January 19, 2018
- 1952 मे सबसे कम उम्र के विधायक बनने का गौरव भी श्रीनिवास ने हासिल किया।
- 1957 में 1972 से 1985, 1990 से 2003 तक लगातार जीत दर्ज की।
- सन् 1980 में प्रदेश सरकार में मंत्री बने।
- 1990 से 1992 विधानसभा उपाध्यक्ष रहे।
- 1993 से 2003 तक विधानसभा अध्यक्ष रहे।
सामंतवाद के खिलाफ जारी रखी लड़ाई
श्रीनिवास तिवारी विंध्य में किसान, मजदूरों के लिए हमेशा मद्दगार रहे। उन्होंने किसान, मजदूरों के लिए सामंतवाद के खिलाफ जो लड़ाई लड़ी। श्रीनिवास तिवारी ने रीवा को विकास की कई सौगातें दी जो आज पहचान बन गई है।
मध्यप्रदेश के दिग्गज नेता रीवा के सफेद शेर (व्हाइट टाइगर) कहे जाने वाले श्रीनिवास तिवारी राज्य की सत्ता में अच्छी पकड़ रखते थे। तिवारी की राजनीति शख्सियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी तो खुद पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह उनसे सलाह लेने के लिए उनसे मिलने जाते थे। केवल कांग्रेस ही नहीं विपक्षी पार्टी बीजेपी के नेता भी उन्हें राजनीतिक सलाहकार मानते थे। तिवारी के निधन के बाद पूरे राज्य में शोक का माहौल है।
इससे पहले भी हुए थे भर्ती
93 वर्षीय श्रीनिवास तिवारी को इससे पहले भी कई बार स्वास्थ्य चेकअप के लिए संजय गांधी चिकित्सालय में भर्ती किया गया था। लेकिन हाल ही में उन्हें मंगलवार रात में अचानक सांस लेने में तकलीफ होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उनकी स्थिति में सुधार न होने के कारण उन्हें एस्कॉर्टस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।