वनविभाग ने फिल्मी स्टाइल में किया सागौन तस्करी का पर्दाफाश
गड़चिरोली वनविभाग ने फिल्मी स्टाइल में किया सागौन तस्करी का पर्दाफाश
डिजिटल डेस्क, सिरोंचा (गड़चिरोली)। बेशकीमती सागौन के लिए समूचे एशिया द्विप में मशहूर सिरोंचा वनविभाग के क्षेत्र में इन दिनों सागौन तस्करी अपने चरम पर पहुंच गयी है। इस तस्करी पर लगाम कसने के लिए वनविभाग में हाल ही में उपवनसंरक्षक पद पर कार्यरत पूनम पाटे ने विशेष धरपकड़ मुहिम शुरू की है। इसी मुहिम के तहत सोमवार की देर रात 2.30 बजे के दौरान चिंतलपल्ली से धर्मपुरी गांव के बीच वन कर्मचारियों ने सिनेस्टाइल योजना बनाते हुए सागौन तस्करी का पर्दाफाश किया है। हालांकि इस कार्रवाई में सभी तस्कर घटनास्थल से फरार होने में कामयाब रहे। लेकिन कार्रवाई में वनविभाग ने 65 हजार 82 रुपए के सागौन लट्ठों समेत 15 लाख रुपए की 2 कार कुल 15 लाख 65 हजार 82 रुपए का माल जब्त कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सिरोंचा वन परिक्षेत्र के तहत आने वाले चिंतलपल्ली से धर्मपुरी गांव के बीच सोमवार की रात वन कर्मचारी गश्त पर तैनात थे। इस दौरान छत्तीसगढ़ राज्य में बड़े पैमाने पर सागौन की तस्करी शुरू होने की जानकारी विभाग के अधिकारियों को मिली। जानकारी मिलते ही चिंतलपल्ली नाके में कार क्रमांक एम. एच. 12 डी. जे. 3069 आकर रुकी। इस समय तैनात वनपाल आर. वी. जवाजी समेत अन्य कर्मचारियों ने वाहन की तलाशी लेने का प्रयास करते ही सभी तस्कर कार काे यू-टर्न लेते हुए फरार हो गये।
इस बीच वनपाल जवाजी ने इसकी सूचना धर्मपुरी नाके पर तैनात कर्मचारियों को दी। लेकिन रास्ते में ही तस्करों ने कार छोड़कर अन्य कार क्रमांक टी. एस. 19-2347 में सवार होकर घटनास्थल से फरार हो गये। वन कर्मचारियों ने पहली कार को जब्त कर दूसरी कार का पीछा करना जारी रखा। इसकी सूचना तस्करों को मिलते ही उन्होंने चिंतरवेला गांव में दूसरी कार छोड़ी और जंगलों की ओर फरार हो गए। वन कर्मचारियों ने दोनों वाहनों काे जब्त कर लिया है। कार से सागौन के 0.901 घनमीटर के 8 लट्ठे बरामद किये गये। कार और सागौन मिलाकर कुल 15 लाख 65 हजार 82 रुपए का माल जब्त किया गया। कार्रवाई के बाद वन कर्मचारियों ने फरार तस्करों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 (1), 41, 42 (2) और 52 के अनुसार मामला दर्ज किया है। कार्रवाई सिरोंचा की उपवनसंरक्षक पूनम पाटे के मार्गदर्शन में सिरोंचा के वन परिक्षेत्र अधिकारी श्रीनिवास कटकू, वनपाल जवाजी, गहाणे, वनरक्षक तलांडी, आत्राम, सुनील कप्पलवार, सारय्या संगेम, दुर्गेश जानकी ने की।