दिव्यांग के हौसलों की उड़ान ने बनाया आत्मनिर्भर
चंद्रपुर दिव्यांग के हौसलों की उड़ान ने बनाया आत्मनिर्भर
योगेश चिंधालोरे ,चंद्रपुर। हौसले व जज्बे से किसी भी स्थिति का सामना कर सफलता पायी जा सकती है। ऐसी ही एक मिसाल चंद्रपुर के दिव्यांग शिवशंकर कोलते ने लोगों के सामने रखी है। शारीरिक रूप से वे जरूर दिव्यांग हैं और बचपन से अनाथ। लेकिन मन मजबूत और दृढ़ संकल्पित अपनी हिम्मत, हौसले और जुनून के बलबूते आज वे आत्मनिर्भर बने हैं। इससे उन्होंने अन्य लोगों के सामने आदर्श रखा है।
मूलत: मुंबई में जन्मे चंद्रपुर के राष्ट्रवादीनगर निवासी शिवशंकर कोलते उनके संघर्ष व सफलता की कहानी बयां करते बताते है कि, एक पैर से दिव्यांग होने के चलते उनके माता-पिता ने करीब 2 वर्ष की आयु में ही उन्हें छोड़ दिया था। माता-पिता का पता नहीं चलने पर पुलिस ने नन्हे शिवशंकर को उल्हासनगर के एक अनाथालय में रखा। वहां कुछ दिन पढ़ाई करने के बाद चंद्रपुर के अनाथालय में भेजा गया। कक्षा 10वीं तक पढ़ाई हुई। 18 वर्ष का होने के बाद प्रसिद्ध समाजसेवी बाबा आमटे के आनंदवन में भेजा गया। वहां ऑफसेट मशीन की ट्रेनिंग ली। कोलते ने बताया कि, ट्रेनिंग के बाद उन्होंने चंद्रपुर के एक प्रिंटिंग प्रेस में काम किया। पेमेन्ट की कमी और सहयोग के लिए कोई नहीं होने के चलते लोन लेकर खुद की प्रिटिंग प्रेस शुरू की। वे बताते है कि, इस व्यवसाय में उनकी पत्नी काफी सहयोग करती है। अपनी शादी के बारे में उन्होंने बताया कि, एक परिचित के माध्यम से लड़की देखने गया और उनकी कहानी सुनने के बाद शादी के लिए लड़की हां कर दिया। उनके बेटा-बेटी पढ़ रहे हैं।