फूड पॉइजनिंग से बच्ची की मौत, पांच की हालत गंभीर

फूड पॉइजनिंग से बच्ची की मौत, पांच की हालत गंभीर

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-28 16:52 GMT
फूड पॉइजनिंग से बच्ची की मौत, पांच की हालत गंभीर

डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा। शहर के छापाखाना के दो परिवारों के पांच लोगों को फूड पॉइजनिंग की वजह से गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल लाकर भर्ती कराया गया। यहां इलाज के दौरान एक आठ साल की बच्ची की मौत हो गई। वहीं छह वर्षीय बच्चे समेत दो महिलाएं और एक पुरुष की हालत गंभीर बनी हुई है। घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतका और उसके परिजनों द्वारा खाया गया भोजन जब्त कर मामले को जांच में लिया है।
यह है पूरा मामला-
अस्पताल चौकी पुलिस ने बताया कि छापाखाना निवासी गुरुवार सुबह 50 वर्षीय संतोषी पति प्रहलाद चेचकर ने अपने घर पर फर्रास की सब्जी बनाई थी। वहीं पड़ोस में रहने वाली रजनी पति रामेश्वर ब्रम्हभट्ट (35) ने दाल-चांवल बनाया था। रोजाना की तरह दोनों परिवार के सदस्य संतोषी और उसकी नातन आठ वर्षीय आयूषी पिता रामू कोल्हारे, छह वर्षीय शरद पिता रामू कोल्हारे व रजनी और उसके पति रामेश्वर पिता झामू ब्रम्हभट्ट (40) ने साथ बैठकर खाना खाया। भोजन के बाद सभी को उल्टियां होने लगी। जिन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल लाकर भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान आयूषी की मौत हो गई। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है।
हालत बिगडऩे पर बताया फूड पाइजनिंग-
बच्चे और अन्य लोगों को भर्ती करते वक्त सामान्य उल्टी दस्त की जानकारी दी गई। जब बच्चों की हालत बिगड़ गई तब परिजनों ने बताया कि उन्होंने दाल-चांवल और फर्रास की सब्जी खाई थी जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ी। बच्ची की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन और पुलिस प्रशासन में हड़कम्प मच गया।
नानी के साथ रहते थे भाई-बहन-
आयूषी और शरद अपने नाना-नानी के पास रहकर पढ़ाई करते थे। उनकी नानी संतोषी चेचकर ने बताया कि पिता के छोडऩे के बाद बेटी चंद्रकलीबाई दोनों बच्चों को उसके पास छोड़कर इंदौर में काम करती है ताकि बच्चों की बेहतर परवरिश कर सके। गुरुवार को फूड पाइजनिंग की वजह से आयूषी ने दम तोड़ दिया। वहीं शरद की हालत गंभीर बताई जा रही है।
क्या कहते हैं चिकित्सक-
मरीजों को पहले सामान्य उल्टी-दस्त बताकर भर्ती कराया गया था। बाद में फूड पाइजनिंग की जानकारी दी गई। इलाज के दौरान बच्ची की मृत्यु हो गई। वहीं बच्चे और अन्य लोगों की हालत गंभीर है।
डॉ.लक्ष्मण गोल्हानी, ड्यूटी डॉक्टर, जिला अस्पताल

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