अंतत: आदमखोर बाघ पिंजरे में हुआ कैद
मचा रखा था आतंक अंतत: आदमखोर बाघ पिंजरे में हुआ कैद
डिजिटल डेस्क, ब्रह्मपुरी(चंद्रपुर)। ब्रह्मपुरी वनविभाग के दक्षिण ब्रह्मपुरी वनपरिक्षेत्र अंतर्गत आवलगांव उपक्षेत्र के खेत परिसर में आतंक मचाकर लोगों का शिकार करने वाले नर प्रजाति के ‘के-4’ बाघ को मुख्य वन्यजीव रक्षक तथा प्रधान मुख्य वनसंरक्षक ने पिंजरे में कैद करने के आदेश दिए थे। उनके आदेश पर सोमवार 21 नवंबर की रात 7 बजे के दौरान दक्षिण ब्रह्मपुरी वनपरिक्षेत्र अंतर्गत आवलगांव उपक्षेत्र, चांदा नियतक्षेत्र में कक्ष क्र. 1047 में पशुवैद्यकीय अधिकारी डॉ.रविकांत खोब्रागड़े, सशस्त्र पुलिस अजय मराठे ने के-4 बाघ को निशाना बनाकर डार्ट कर बेहोेश किया। इसके बाद उसे पिंजरे में सुरक्षित रूप से बंद किया गया।
के-4 बाघ की आयु लगभग दो से ढाई वर्ष बताई गई। बताया गया कि ब्रह्मपुरी वनविभाग के दक्षिण ब्रह्मपुरी वनपरिक्षेत्र के हलदा बोडदा परिसर में पिछले कई दिनों से बाघ ने आतंक मचा रखा था। कई लोगों का बाघ ने शिकार किया, जिससे परिसर में भय का माहौल बना हुआ था। किसान खेतों में जाने से कतरा रहे थे। इस संदर्भ में क्षेत्र के पूर्व विधायक प्रा. अतुल देशकर ने बाघ को कैद करने की मांग राज्य के वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार से की थी। वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने तत्काल बाघ का बंदोबस्त करने के आदेश दिए। इसके मद्देनजर यह कार्रवाई की गई। इस बाघ ने परिसर के लोगों के साथ ही मवेशियों को भी अपना शिकार बनाया था। आदमखोर बाघ कैद होने से परिसर के नागरिकांें में खुशी का माहौल है। कार्रवाई सहायक वनसंरक्षक ब्रह्मपुरी के.आर.धोंडणे, वनक्षेत्रपाल ब्रह्मपुरी आर.डी.शेंडे, आरआरटी ताड़ोबा अंधारी बाघ प्रकल्प सदस्य बी.आर.दांडेकर, ए.एन.मोहुर्ले, एस.पी.नन्नावरे, ए.डी.तिखट, ए.डी.कोरपे, ए.एम.दांडेकर, राकेश अहुजा उपस्थित थे।