बाघ के बंदोबस्त के लिए वनकार्यालय पर धमके किसान
पुलिस का रहा तगड़ा बंदोबस्त बाघ के बंदोबस्त के लिए वनकार्यालय पर धमके किसान
डिजिटल डेस्क, आरमोरी (गड़चिरोली)। पिछले 15 दिनों से आरमोरी और देसाईगंज तहसील के वनक्षेत्र में उत्पात मचा रहे नरभक्षी बाघ का तत्काल बंदोबस्त कर मृत व्यक्तियों के परिजनों को 50 लाख रुपए की वित्तीय सहायता देने की मांग को लेकर संतप्त किसानों ने यहां के वन परिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय पर मोर्चा निकाला। अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष अमोल मारकवार और रयत किसान संगठन के जिलाध्यक्ष दिलीप घोडाम के नेतृत्व में निकाले गए इस मोर्चे में क्षेत्र के सैकड़ों किसानों ने हिस्सा लिया। इस बीच किसानों की आक्रमकता को देखते हुए पुलिस विभाग का यहां कड़ा बंदोबस्त रखा गया था।
शहर के टी-प्वाइंट से मोर्चे की शुरुआत की गयी। मुख्य मार्ग से होते हुए यह मोर्चा वनविभाग कार्यालय पर पहुंचा। इस समय वन परिक्षेत्र अधिकारी को विभिन्न मांगों का ज्ञापन सौंपा गया। अपने ज्ञापन में किसानाें ने बताया कि, पिछले कुछ दिनों से नरभक्षी बाघ का आतंक बढ़ गया है। 13 मई को नलू जांगडे नामक महिला का बाघ ने शिकार किया। वहीं दूसरे ही दिन 14 मई को बाघ के हमले में आरमोरी निवासी किसान नंदू गोपाल मेश्राम की भी मृत्यु हुई। लगातार बढ़ रहे हमलों की घटनाओं से इन दिनों आमजनों में दहशत फैली हुई है।
वर्तमान में रबी सत्र की धान फसल अंतिम चरण में है। इस फसल को बचाने के लिए सिंचाई की सुविधा करना अतिआवश्यक हो गया है। ईटियाडोह बांध का पानी भी इन दिनों नहर में छोड़ा जा रहा है। इसी कारण किसान अपने खेतों मंे पहुंचकर फसलों को सिंचित कर रहे हैं। लेकिन इसी बीच नरभक्षी बाघ का आतंक बढ़ जाने से किसान अपने खेतों में जाने से कतराने लगे हैं, जिससे रबी सत्र की धान फसल नष्ट होने की कगार पर पहुंच गयी है। इसी कारण नरभक्षी बाघ को तत्काल पकड़े, मृत व्यक्तियों के परिजनों को 50 लाख रुपए वित्तीय सहायता, परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी, बाघ प्रभावित क्षेत्र के किसानों को प्रति एकड़ 30 हजार रुपए वित्तीय सहायता, जंगलों में बसे गांवों का पुनर्वसन करना आदि समेत अन्य मांगों को लेकर यह मोर्चा निकाला गया। मोर्चे के दौरान देसाईगंज के सहायक वनसंरक्षक धनंजय वायभासे ने ज्ञापन स्वीकार किया।