नुकसान से उबरने किसान ले रहे मक्के की फसल
खेती-किसानी नुकसान से उबरने किसान ले रहे मक्के की फसल
डिजिटल डेस्क, चामोर्शी। जिले में इस वर्ष खरीफ सीजन के अंतिम चरण में हुई बेमौसम बारिश से जिले की किसानों का भारी नुकसान हुआ है। इस नुकसान से उबरने किसान मक्के की फसलों का उत्पादन ले रहे हैं । बता दें कि, जिले के चामोर्शी तहसील धान उत्पादन के लिए पहचाना जाता है। खरीफ फसल निकलने के बाद आगामी सीजन तक खेत पड़ित रहता है। जिससे विगत कुछ बरसों से चामोर्शी तहसील के किसान धान फसलों की नुकसान से उबरने के लिए अब मक्के की फसलों का उत्पादन ले रहे हंै। इस वर्ष मक्का फसलों के बुआई क्षेत्र में लक्षणीय वृध्दि दिखाई दे रही है। खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान है, किंतु दिनोंदिन धान फसलों का उत्पादन घाटे में जा रहा है। जिससे केवल धान फसलों पर निर्भर न रहते हुए किसान अब वैकल्पिक फसलें भी ले रहे हैं।
वर्तमान चामोर्शी तहसील में मक्का फसलों की वृध्दि देखी जा रही है। खेत मक्का समेत अन्य फसलों से हरेभरे नजर आ रहे हैं। धान फसलों की तुलना में मक्का फसलों की बुआई लाभदायी होने की बात किसान कहते हैं। बीते वर्ष प्रति एकड़ 40 क्विंटल उत्पादन हुआ था। मक्का को प्रति क्विंटल 1 हजार 860 रुपये दाम है। धान फसलों की तुलना में मक्का फसलों की उत्पादन में कम खर्च होता है। बेचने के लिए आसानी होती है। व्यापारी गांव में आकर मक्का खरीदी करते हंै। वहीं तहसील के अनेक किसानों के पास बिजली कनेक्शन नहीं होने से सिंचाई के अभाव में फसलों का उत्पादन नहीं ले पा रहे हैं। ग्रीष्मकाल में फसलों को अधिक पानी की आवश्यकता होती है। किसानों के पास कृषिपंप होने के बावजूद बिजली कनेक्शन के अभाव में फसल उत्पादन लेने से वंचित रहना पड़ रहा है। बिजली विभाग तहसील के किसानों को बिजली कनेक्शन देने की मांग किसानों द्वारा की जा रही है।