किसान आंदोलन का 77वां दिनः ट्रैक्टर चलाकर राज्य विधानसभा पहुंची महिला विधायक और यूपी में वोटबैंक बनाने में जुटी कांग्रेस
किसान आंदोलन का 77वां दिनः ट्रैक्टर चलाकर राज्य विधानसभा पहुंची महिला विधायक और यूपी में वोटबैंक बनाने में जुटी कांग्रेस
डिजिटल डेस्क (भोपाल)। तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों को प्रदर्शन करते हुए आज 77 दिन हो गए हैं। टीकरी बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर सुरक्षाबल की तैनाती जारी है। दूसरी तरफ, आज (10 फरवरी) बुधवार सुबह जयपुर में कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर चलाकर राज्य विधानसभा पहुंची। उन्होंने कहा, "हम ट्रैक्टर लेकर किसानों और देश की जनता को संदेश देने आए हैं कि हम पूरी तरह किसानों के समर्थन में हैं। जहां भी उनको आवश्यकता पड़ेगी, हम उनके लिए वहां आएंगे और लड़ेंगे।"
पश्चिमी यूपी में वोटबैंक बनाने में जुटी कांग्रेस
तीन नए कृषि कानूनों को रद्द कराने को लेकर चल रहे किसान आंदोलन के बीच कांग्रेस अपनी राजनीतिक जमीन को और मजबूत करने में तेजी से जुट गयी है। कांग्रेस को लगता है पश्चिमी जिलों में किसान आंदोलन के पक्ष में रहकर पंचायत चुनाव और विधानसभा चुनाव की जमीन तैयार की जा सकती है। किसानों को सहयोग देने के क्रम में बुधवार से कांग्रेस का कृषि कानून विरोधी आंदोलन शुरू होने जा रहा है। पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव तथा उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा का अभी तक चार दिन का कार्यक्रम तय हुआ है। वह बुधवार को सहारनपुर, 13 फरवरी को मेरठ, 16 को बिजनौर और 18 फरवरी को मथुरा में किसान पंचायत को संबोधित करेंगी। उनके साथ किसान नेता भी शामिल हो सकते हैं।
दिल्ली बॉर्डर पर मृत किसान के घर रामपुर जाकर संवेदना व्यक्त करने वाली प्रियंका गांधी वाड्रा अब उत्तर प्रदेश में किसान पंचायत को धार देंगी। वह प्रदेश में चार किसान पंचायत में शामिल होकर पश्चिमी यूपी से कांग्रेस के अभियान को आगे बढ़ाएंगी। पूर्व विधायक इमरान मसूद के अनुसार प्रियंका गांधी दोपहर दो बजे पंचायत में पहुंचेंगी। मंच तैयार है और कार्यक्रम स्थल पर लगभग 15 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। इतने ही लोगों के खड़ा होने की व्यवस्था है। पैठ बाजार और पशु मंडी स्थल में वाहन पाकिर्ंग रहेगी। कार्यक्रम के दौरान व्यवस्था को संभालने के लिए वॉलंटियर्स तैनात रहेंगे। किसी भी प्रकार की अव्यवस्था नहीं होने दी जाएगी।
पश्चिम यूपी में रालोद अकेले ही इस आंदोलन से उपजी सियासी फसल को काटने की तैयारी में है। मथुरा, बड़ौत के बाद शामली की पंचायतों में उमड़ रही भीड़ अन्य सियासी दलों को बेचैन कर रही है। बेशक बसपा और सपा खामोश हैं, लेकिन कांग्रेसी इस सियासी फसल को काटने के लिए बेकरार है। जहां रालोद का प्रभाव जीरो है वहां कांग्रेस किसानों को अपने पाले में करना चाहती है। वहीं, पुराने कांग्रेसी किलों में रालोद की सेंधमारी को रोकने की भी रणनीति बनाई गई है, इसलिए पुराने कांग्रेसी गढ़ सहारनपुर से इसकी शुरूआत होनी है। आगे विधानसभा चुनाव है, इसलिए सहारनपुर से होकर आसपास के अपने प्रभाव वाले पश्चिमी जिलों में कांग्रेस जमीन पर उतरकर कृषि बिल विरोधी आंदोलन के जरिये बड़ा वोटबैंक तैयार करने की कोशिश में है।
किसान प्रदर्शन अनिश्चितकाल तक चलेगा : राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन(बीकेयू) नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तो किसान प्रदर्शन अनिश्चितकाल तक के लिए चलेगा। टिकैत ने आईएएनएस को बताया, अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी, तो हम 2024 तक भी धरने पर बैठे रहेंगे।
उन्होंने आगे कहा, जब तक तीन कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है, एमएसपी पर एक कानून नहीं बनाया जाता है और स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट को लागू नहीं किया जाता है, हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे। टिकैत ने यह भी कहा कि सरकार केवल कमीशन एजेंटों को लाभान्वित कर रही है। जब किसान प्रदर्शन के कारण दिल्ली के लोगों को हो रही असुविधा के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, दिल्ली के लोग खुद इस आंदोलन का हिस्सा हैं।