Farmers Protest Day 68: गाजीपुर में किसानों की तेजी से उमड़ रही भीड़, दिल्ली में कई जगह  ट्रैफिक डायवर्ट करना पड़ा, 2 फरवरी तक इंटरनेट बंद      

Farmers Protest Day 68: गाजीपुर में किसानों की तेजी से उमड़ रही भीड़, दिल्ली में कई जगह  ट्रैफिक डायवर्ट करना पड़ा, 2 फरवरी तक इंटरनेट बंद      

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-01 06:24 GMT

डिजिटल डेस्क ( भोपाल)। दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर क्षेत्र में किसानों के विरोध प्रदर्शन को फिर से गति मिल गई है, क्योंकि भीड़ और पुलिस की तैनाती दोनों में तेजी आ गई है। किसान आंदोलन का आज (1 फरवरी) 68वां दिन है। गणतंत्र दिवस पर हिंसा से पहले जो विरोध शुरू हुआ था, उसे फिर से शुरू करने के लिए भीड़ एक उत्प्रेरक के रूप में काम कर रही है। भारत किसान यूनियन के उत्तर प्रदेश सदस्य पवन खटाना ने कहा, 28 जनवरी की रात से पहले लगभग 2,000-3,000 लोग थे, जो अब बढ़कर 10,000 से अधिक हो गए हैं। 26 जनवरी से किसान आंदोलन पर राजनीति हाबी हो गई है। दिल्ली बार्डर पर बढ़ती भीड़ की वजह से सोमवार सुबह चिल्ला बॉर्डर (दिल्ली-नोएडा बॉर्डर) पर लंबा ट्रैफिक जाम देखने को मिला। वहीं, गाज़ीपुर (दिल्ली-उत्तर प्रदेश) बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए नोएडा के लिए अक्षरधाम पर ट्रैफिक डायवर्ट किया गया। 

इधर, आज गृह मंत्रालय ने सिंघु बॉर्डर, गाज़ीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर में इंटरनेट पर लगाई गई अस्थायी रोक को बढ़ाकर 2 फरवरी रात 11 बजे तक कर दिया है। 

खटाना ने आगे जोर देकर कहा कि अधिक से अधिक लोग अब महाराष्ट्र, पंजाब और हरियाणा सहित विभिन्न राज्यों से विरोध स्थल की ओर जा रहे हैं। इंटरनेट को निलंबित करने, कर्मियों की तैनाती बढ़ाने और कड़ी सतर्कता सहित साइट पर पुलिस और प्रशासन द्वारा विभिन्न निवारक उपाय किए गए हैं। प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश से रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेड्स की मल्टीट्यूड भी जोड़ी है। बीकेयू के एक अन्य नेता विनोद मानोटा ने कहा, उन्होंने हमें रोकने के लिए कई स्थानों पर 10 से अधिक बैरिकेड्स स्थापित किए हैं।

उन्होंने कहा, पहले आंदोलन में आसानी थी। यहां तक क पुलिस भी हमारे पक्ष में आती थी। 28 तारीख के बाद, विरोध स्थल पर स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। दूसरे सबसे बड़े विरोध स्थल पर यह आंदोलन 67वें दिन में प्रवेश कर गया है। हजारों किसानों को राष्ट्रीय ध्वज फहराते हुए और जय किसान, जय जवान के नारे लगाते देखे जा सकते थे। आईएएनएस से बात करते हुए, बीकेयू के प्रमुख नेता राकेश टिकैत ने कहा, हम दबाव में समझौता नहीं करेंगे। एक बार हमारे किसान भाइयों को रिहा कर दिया जाएगा और चीजों को सुव्यवस्थित किया जाएगा, हम सरकार से बात करेंगे।

सुखबीर बादल ने राकेश टिकैत को गाजीपुर बॉर्डर पर किया सम्मानित

शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से किसानों के समर्थन में दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचने की अपील के दो दिनों बाद पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को किसान नेता राकेश टिकैत को सम्मानित किया। टिकैत को सिरोपा और पंजाब के अमृतसर में हरमंदिर साहिब के पवित्र तालाब से अमृत भेंट किया गया और आंदोलन की सफलता के लिए अकालियों के पूर्ण समर्थन का आश्वासन भी दिया गया।

अकाली दल ने पिछले साल विवादास्पद कृषि कानूनों को लेकर सत्तारूढ़ एनडीए से समर्थन वापस ले लिया था। सुखबीर, जो दिल्ली-यूपी सीमा पर टिकैत से मिले, ने कहा कि किसान नेता ने अपने दिवंगत पिता महेंद्र सिंह टिकैत के नक्शेकदम पर चलकर किसान समुदाय को गौरवान्वित किया है। सुखबीर बादल ने कहा कि डीएसजीएमसी इस तरह के सभी मामलों को नि:शुल्क लड़ेगी, उन्होंने यहां तक कहा कि इस दिशा में समन्वित प्रयास सुनिश्चित करने के लिए चंडीगढ़ और पंजाब के सभी जिलों में वकीलों की एक समिति भी बनाई गई है।

 

 

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