धान को बचाने के लिए किसान कर रहे जद्दोजहद
अत्यधिक बारिश से संकट धान को बचाने के लिए किसान कर रहे जद्दोजहद
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। पिछले 5 वर्षों की तुलना में इस साल जिले में बारिश का प्रमाण काफी अधिक है। निरंतर होने वाली वर्षा के कारण अनेक जगह धान फसलों पर विभिन्न कीटों का प्रकोप दिखाई दे रहा है। जिससे धान फसलों को बचाने के लिए किसान फसलों पर कीटनाशकेां का छिड़काव कर फसलों को बचाने में लगे हंै। जिले में हल्के, मध्यम व भारी प्रजाति की धान फसलों की बुआई किसान करते हंै। प्रतिवर्ष की तुलना में इस वर्ष जिले में मूसलाधार बारिश से जैसे-तैसे फसल बची। अब धान फसलों पर मावा, खोड़कीट, करपा आदि कीटों का प्रकोप दिखाई दे रहा है। फिलहाल हल्की धान फसल अंकुरित होने की कगार पर है। वही मध्यम व भारी धान फसल गर्भावस्था में है। फसल सुचारु हो रही हे।
वातावरण में बदलाव के कारण धान फसलों पर कीट प्रभावित हुई है। जिससे फसलों को कीटों से मुक्ति दिलाने किसान महंगे कीटनाशक खरीदी कर छिड़काव कर रहे हंै। पहले ही जिले में आए बाढ़ के कारण दोबारा, तिबारा बुआई करनी पड़ी। अब फसलों पर विभिन्न बीमारियों का प्रकोप दिखाई दे रहा है। जिससे किसान फिर से संकटों से घिर गया है। फिलहाल विभिन्न कीटों से फसलों का संरक्ष्ज्ञण करने के लिए किसान विभिन्न तरह के कीटनाशक खरीदी हेतु कृषि केंद्रो पर पहुंचे रहे हैं। उक्त महंगे कीटनाशक फसलों पर छिड़काव करने के बावजूद अनेक बारा फसलें कीटमुक्त नहीं होने की बात आ रही है। वहीं खेत में निंदण का कार्य करने के लिए अनेक किसानों ने भारी मजदूरी चुकाकर मजदूरों को निंदन कार्य करने को लगा दिया है। महंगे कीटनाशक व मजदूरों की बढ़ी मजदूरी ध्यान में लेते हुए किसानों पर अधिक खर्च बढ़ने से किसान वित्तिय संकट में नजर आ रहा है। इस वर्ष हुई अच्छी बारिश से धान फसलें लहरा रही थी, किंतु फसलों में निंदाई बड़ी मात्रा में बढ़ने से महिला मजदूरों द्वारा निंदन कार्य किया गया। इसके बाद अब फसलों पर लगी कीट से किसान का व्यापक खर्चे की बात किसानों ने कही है।