सरकारी सहायता न मिलने से निराश किसान ने की आत्महत्या

सरकारी सहायता न मिलने से निराश किसान ने की आत्महत्या

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-29 10:53 GMT
सरकारी सहायता न मिलने से निराश किसान ने की आत्महत्या

डिजिटल डेस्क, पांढरकवड़ा(यवतमाल)। केलापुर तहसील के पाहापल निवासी एक किसान ने सरकारी सहायता नहीं मिलने से आत्महत्या कर ली। यह बात किसान ने मृत्यु पूर्व लिखे सुसाइट नोट में दर्ज की है।  मृत किसान का नाम धनंजय उर्फ धनराज बलिराम नव्हाते (50 ) है। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर पंचनामा कर शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने धारा 174  के  तहत प्रकरण दर्ज किया है। 

बता दें कि केलापुर तहसील के पहापल निवासी किसान धनंजय उर्फ धनराज बलिराम नव्हाते  ने अपने खेत में कीटकनाशक पीकर आत्महत्या कर ली।  आत्महत्या के पहले धनंजय ने एक सुसाइड में लिखा है कि, वह कर्ज से त्रस्त हो गया है।  किसानों  द्वारा उगाई गई फसलों को व्यापारी सही दाम नहीं देते। सरकार सहायता नहीं करती।  इस वर्ष 6 क्विंटल कपास का उत्पादन हुआ था, जिसे बेचकर आये  पैसों  से उसने बेटी का ब्याह कर दिया। इसके पहले बोंडइल्ली के प्रकोप से कपास का उत्पादन नहीं हुआ। इस वर्ष कर्जमाफी हुई  लेकिन अब तक उसका कर्ज माफ नहीं हुआ। यही नहीं वह अपने पुत्र की पढ़ाई का खर्च भी नहीं उठा पा रहा है। ऐसे में आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं है। 

कर्मचारियों को सातवां वेतन का लाभ मिलने से उनके वेतन डेढ़ से दो लाख हो गए हैं। लेकिन  किसानों को सहायता मांगने पर कुछ नहीं मिला। इस कारण  एंडोसफलान नामक कीटकनाशक पीकर आत्महत्या कर रहा हूं।  इस किसान की पत्नी की सोने की चेन गिरवी है, जिसके पास गिरवी रखी है। उससे 10  हजार रुपए लिए थे। उसका नाम भी चिट्ठी में लिखा गया है। किसान ने  सरकार पर  आरोप लगाए हैंं। मृत किसान के जेब से मिली चिट्ठी पुलिस ने जब्त कर ली है। इस पत्र के अंत में किसान ने उसकी अंतिम इच्छा जताई है, जिसमें अण्णासाहेब पारवेकर के आने के पूर्व अंतिम संस्कार न किया जाए।  घटना की शिकायत उसके चचेरे भाई दत्तात्रय शंकर नव्हाते पुलिस में दर्ज करायी।   पीएसआई घुगरे, जमादार टेंभरे ने घटनास्थल पहुंचकर शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए पांढरकवड़ा अस्पताल में भेज दिया है। 
 

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