स्वरोजगार काउंसलिंग में विशेषज्ञों ने सिखाया कि स्वयं का रोजगार कैसे प्रारंभ करें!

स्वरोजगार काउंसलिंग स्वरोजगार काउंसलिंग में विशेषज्ञों ने सिखाया कि स्वयं का रोजगार कैसे प्रारंभ करें!

Bhaskar Hindi
Update: 2021-09-04 10:58 GMT
स्वरोजगार काउंसलिंग में विशेषज्ञों ने सिखाया कि स्वयं का रोजगार कैसे प्रारंभ करें!

डिजिटल डेस्क | उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कंप्यूटर विज्ञान संस्थान में 3 सितम्बर को आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से विद्यार्थियों हेतु आत्मनिर्भर भारत – “स्टार्टअप – सेटअप” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के माननीय कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडे ने की तथा मुख्य अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलसचिव डॉ प्रशांत पौराणिक रहे। मुख्य वक्ता के रूप में टेक्निकल एक्सपर्ट श्री मनीष शाह एवं विशेष अतिथि के रुप में विक्रम विश्वविद्यालय कार्यपरिषद सदस्य डॉक्टर गोविंद गन्धे उपस्तिथ थे।

कार्यक्रम का प्रारम्भ कंप्यूटर विज्ञान संस्थान विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के निदेशक डॉ उमेश कुमार सिंह ने स्वागत भाषण से किया। डॉक्टर सिंह ने बताया कि आज के छात्रों में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि आज के विद्यार्थियों के पास आईडिया तो बहुत है बस वह उसे सही रूप में एक स्टार्टअप में परिवर्तित करें और उसे ही अपनी आजीविका का साधन बनाएं यही आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रशांत पौराणिक ने कंप्यूटर विज्ञान संस्थान द्वारा शुरू किए गए स्टार्टअप और रोजगारोंमुखी ई -पाठ्यक्रम के लिए संस्थान को बधाई दी और बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा भी 130 पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं, यह सभी पाठ्यक्रम छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने में सहायता प्रदान करेंगे। विक्रम विश्वविद्यालय कार्यपरिषद सदस्य डॉक्टर गोविंद गन्धे जी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि आज के युवा की सोच ऐसी होनी चाहिए कि वह नौकरी करने वाला नहीं देने वाला बने।

अध्यक्षीय उद्बोधन में माननीय कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डे ने कहा कि छात्र आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य हेतु स्वरोजगार के क्षेत्र में कार्य करे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता टेक्निकल एक्सपर्ट श्री मनीष शाह ने बताया कि स्टार्टअप खुद का नहीं होता वह समाज का होता है और उससे समाज का भी आर्थिक विकास होता है। श्री मनीष शाह ने समझाया कि किस तरह एक अच्छे आइडिया को स्टार्टअप में परिवर्तित किया जा सकता है। उन्होंने स्टार्टअप के पंजीयन की प्रक्रिया को समझाते हुए यह भी बताया कि किस प्रकार स्टार्टअप को सुव्यवस्थित तरीके से स्थापित किया जा सकता है।

मुख्य रूप से वक्ता ने नवीन उद्योग का पंजीयन प्रक्रिया, शासकीय नियम, MSME की भूमिका, अपने आईडिया एवं स्टार्टअप को पेटेंट कैसे करे की विस्तृत जानकारी विद्यार्थियों को प्रदान की। कार्यक्रम में अन्य महाविद्यालय संस्थान के शिक्षक, छात्र, शोधार्थी एवं अन्य संस्थानों के छात्रों ने सहभागिता की। कार्यक्रम का संचालन आईपीआर सेल समन्वयक कीर्ति दीक्षित ने किया। कार्यक्रम के अन्त में आईपीआर एवं काउसलिंग एन्ड मेन्टरशिप सेल के समन्वयक श्री शेखर दीसावाल ने आभार व्यक्त किया।

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