किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अनुकरणीय पहल "सफलता की कहानी" बड़नगर के किसान राजेश धाकड़ ने 3 महीने पहले बनाया एफपीओ, मात्र 3 महीने में 300 किसान जुड़े, 10 लाख का टर्नओवर
किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अनुकरणीय पहल "सफलता की कहानी" बड़नगर के किसान राजेश धाकड़ ने 3 महीने पहले बनाया एफपीओ, मात्र 3 महीने में 300 किसान जुड़े, 10 लाख का टर्नओवर
डिजिटल डेस्क | बड़नगर के किसान श्री राजेश धाकड़ द्वारा किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक अनुकरणीय पहल की गई है। उन्होंने बड़नगर में हलधर फार्म प्रोड्यूसर कंपनी नामक एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन) अक्टूबर-2020 में कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के सहयोग से बनाया है। उल्लेखनीय है कि एफपीओ बनाने के मात्र तीन महीने के अन्दर इसमें आसपास के 300 किसानों को जोड़ने के साथ-साथ इसका टर्नओवर 10 लाख रुपये तक का हो गया है। श्री धाकड़ ने बताया कि एफपीओ बनाने की प्रेरणा उन्हें 2012 में बड़नगर में किसानों के लिये बनाये गये आऊटलेट सांवरिया किसान बाजार से मिली। यह आऊटलेट किसानों की खेती की लागत को कम करने के उद्देश्य से बनाई गई थी।
यहां किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ खाद, बीज व दवाई भी उपलब्ध कराई जाती है। यह आऊटलेट एक सुपर मार्केट की तरह है, जिसमें किसान स्वेच्छा से खाद, बीज और दवाई खरीद सकते हैं। श्री राजेश धाकड़ ने बताया कि उनके एफपीओ में आने वाले समय में आसपास के गांव के लगभग एक हजार किसानों को जोड़े जाने की योजना है। यह एफपीओ आरओसी ग्वालियर से पंजीकृत है। इस एफपीओ से किसान कृषि भूमि की ऋण पुस्तिका और आधार कार्ड के साथ दो हजार रुपये का अंश जमा कर जुड़ सकते हैं। किसानों को एफपीओ से जोड़ने के बाद उन्हें कई तरह की सुविधाएं, खाद, बीज व युरिया उपलब्ध करवाई जाती है। साथ ही उन्नतशील किसानों को बीज उत्पादन कार्यक्रम में जोड़ा जाता है।
आने वाले समय में इस एफपीओ को एक ब्राण्ड के बतौर बनाया जायेगा तथा बड़े व्यापारियों को एक समूह में किसान अपने उत्पाद सीधे बेच सकेंगे, जिससे उन्हें अपनी उपज के अच्छे भाव मिलेंगे। श्री धाकड़ आने वाले समय में सांवरिया फार्म फ्रेश के नाम से बड़नगर और आसपास के गांव में सब्जी बेचने वाले किसानों के लिये एक रिटेल आऊटलेट बनाना चाहते हैं। इसके पीछे उन्होंने कारण बताया कि कई बार किसान जब बाजार में सब्जी बेचने जाते हैं तो उन्हें उसके उचित भाव नहीं मिल पाते हैं। इस रिटेल आऊटलेट के माध्यम से किसानों से सब्जियां मंगवाई जाकर वेयर हाऊस में स्टोर की जायेंगी तथा फिक्स रेट पर किसानों की सब्जियों को बेचा जायेगा। फिर एक साल के पश्चात आऊटलेट से जुड़े किसानों को बोनस भी दिया जायेगा तथा किसानों को निर्धारित मूल्य पर सब्जी बेचने की श्योरिटी भी दी जायेगी।
इससे किसान स्वयं अपने उत्पादों की मार्केटिंग कर सकेंगे। श्री धाकड़ ने बताया कि मध्य प्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था के द्वारा उन्होंने एफपीओ में बीज प्रमाणीकरण का लायसेंस भी प्राप्त किया है। लगभग 12 किसानों को उनके एफपीओ द्वारा जबलपुर से गेहूं की ब्रिडर वेराइटी की लोकवन की 3382 किस्म वितरित की गई है। इसका बीज उत्पादन कार्यक्रम इनके द्वारा किया जा रहा है। इस एफपीओ द्वारा किसानों को फिक्स प्राइज और अतिरिक्त बोनस किस प्रकार मिल सके, इस दिशा में निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। यह एफपीओ निश्चित रूप से किसानों के लिये एक बेहतरीन प्लेटफार्म है।