स्टूडेंट्स से फीस लेकर नहीं भरा एग्जाम फार्म, सस्पेंड करने की मांग
स्टूडेंट्स से फीस लेकर नहीं भरा एग्जाम फार्म, सस्पेंड करने की मांग
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नवोदय परीक्षा से स्टूडेंट्स को वंचित रखने वाले मुख्याध्यापक सहित अन्य दो शिक्षकों को सस्पेंड करने का प्रस्ताव जिला प्राथमिक शिक्षणाधिकारी चिंतामण वंजारी ने सामान्य प्रशासन के पास भेजा गया है। 8 दिन से सामान्य प्रशासन विभाग में यह प्रस्ताव लटका कर रखा गया है। आमतौर पर तत्परता दिखाने वाले सामान्य प्रशासन विभाग में प्रस्ताव लटकने पर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
स्टूडेंट्स को नहीं दिया प्रवेश पत्र
उल्लेखनीय है कि नवोदय विद्यालय में प्रवेश के लिए पूर्व परीक्षा ली जाती है। मौदा तहसील के धानला स्थित स्कूल में अनेक स्टूडेंट्स ने आवेदन किए थे। आवेदन के साथ स्टूडेंट्स से 70-80 रुपए फीस वसूली गई। एग्जाम के समय तक स्टूडेंट्स को प्रवेश पत्र नहीं मिला। स्टूडेंट्स ने प्रवेश पत्र के संबंध में संबंधित शिक्षक से पूछने पर एग्जाम के एक दिन पहले पालकों को साथ लाने के लिए कहा गया।
एग्जाम के दिन फोन बंद रखा
बताया जाता है कि एग्जाम के दिन संबंधित शिक्षक ने अपना मोबाइल फोन बंद कर रखा। जिससे इस संदर्भ में उनसे संपर्क की कोशिशें नाकाम रही । शिक्षक की इस हरकत से स्टूडेंट्स एग्जाम से वंचित रह गए। स्टूडेंट्स की शिकायत मिलने पर जिला परिषद अध्यक्ष निशा सावरकर ने जिप की स्थाई समिति में प्रश्न उपस्थित कर जांच के आदेश दिए। जिला प्राथमिक शिक्षणाधिकारी ने मुख्याध्यापक सहित अन्य दो शिक्षकों को नोटिस जारी का खुलासा पेश करने के आदेश दिए। शिक्षकों द्वारा संतोषजनक खुलासा नहीं देनेे पर निलंबन का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग के पास भेज दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग को प्रस्ताव भेजकर 8 दिन हो चुके हैं। अभी तक इस प्रकरण में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। आमतौर पर फाइलों का निपटारा करने में तत्परता दिखाने वाले सामान्य प्रशासन विभाग में प्रस्ताव लटकाने पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है।
सख्त कार्रवाई होनी चाहिए
शिक्षकों की इस हरकत से विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान हुआ है। ऐसे लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
-निशा सावरकर, अध्यक्ष, जिला परिषद