जानिए, झाबुआ के किस गांव में पात्र आबादी को लगी कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज
आदिवासी बाहुल्य जिला जानिए, झाबुआ के किस गांव में पात्र आबादी को लगी कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज
- मप्र के झाबुआ के एक गांव में सभी को लगी कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज
डिजिटल डेस्क, झाबुआ। कोरोना महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में टीकाकरण को बड़ा हथियार माना गया है, यही कारण है कि मध्य प्रदेश में टीकाकरण पर खास जोर दिया जा रहा है। आदिवासी बाहुल्य जिले झाबुआ के नरसिंहरूण्डा ने तो नई इबारत लिखी है, जहां की पात्र आबादी को दोनों डोज लग चुके हैं, संभवत: राज्य का यह पहला ऐसा गांव है जहां वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं।
बताया गया है कि रामा विकासखंड में है ग्राम नरसिंहरूण्डा गांव, यहां के 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगो को कोविड 19 टीकाकरण का दूसरा डोज लग चुका है। इस गांव की कुल आबादी 178 है, जिसमें से 110 लोगों के वैक्सीन लगना थी। इनमें से 60 वर्ष की आयु से अधिक के 20,45 से 59 वर्ष की आयु के 15 और 18 से 44 वर्ष की आयु के 67 लोगों के अलावा चार हेल्थ वर्कर व तीन फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। इस तरह गांव के सभी पात्र लोग वैक्सीनेट हो चुके हैं।
झाबुआ के जिलाधिकारी सोमेश मिश्रा का कहना है कि शत-प्रतिशत लोगों का टीकाकरण हो इस दिशा में प्रयास जारी है। जिले में सात ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जहां शत-प्रतिशत लोगों को वैक्सीन का पहला डोज लग चुका है। नरसिंहरूण्डा सहित अन्य स्थानों पर भी लोगों को वैक्सीनेशन हो इस काम में स्वास्थ्य विभाग का अमला लगा हुआ है, सभी वर्गों का सहयोग लिया जा रहा है।
ज्ञात हो कि आदिवासी बाहुल्य इलाकों में वैक्सीनेशन किसी चुनौती से कम नहीं रहा, क्योंकि आदिवासी वर्ग के लोग आसानी से वैक्सीन लगवाने को तैयार नहीं होते थे, झाबुआ जिले में तो टीकाकरण करने निकले दलों पर हमले तक हुए। इसी साल मार्च-अप्रैल में तो यह आलम था कि झाबुआ जिला वैक्सीनेशन के मामले में राज्य में नीचे से दूसरे यानि 52 जिलों में 51 वें नंबर पर था।
टीकाकरण अधिकारी डॉ. राहुल गणावा ने बताया है कि वर्तमान में जिले के 73 फीसदी पात्र लोगों को वैक्सीन का पहला डोज लग चुका है, आगामी 30 सितंबर तक सभी को पहली डोज लगाने के प्रयास जारी हैं। इसमें समाज के सभी वर्गों का साथ मिल रहा है। इसके साथ ही जिले से जो लोग बाहर गए हुए हैं उनकी भी तलाश जारी है।
(आईएएनएस)