सीमित सोच के बाहर जाकर सोचना ही आंत्रप्योनरशिप है- कुलपति प्रो. केजी सुरेश

मध्यप्रदेश सीमित सोच के बाहर जाकर सोचना ही आंत्रप्योनरशिप है- कुलपति प्रो. केजी सुरेश

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-08 17:24 GMT
सीमित सोच के बाहर जाकर सोचना ही आंत्रप्योनरशिप है- कुलपति प्रो. केजी सुरेश

डिजिटल डेस्क, भोपाल । माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के चलचित्र अध्ययन विभाग व आंत्रप्योनरशिप एवं प्लेसमेंट सेल द्वारा सोशल आंत्रप्योनरशिप पर एक “विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया । व्याख्यान के मुख्य वक्ता प्रन्यांस डेवलपमेंट फांउनडेशन के डायरेक्टर राहुल शर्मा थे। अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की। इस अवसर पर राहुल शर्मा ने कहा कि आंत्रप्योनरशिप से विद्यार्थी आत्मनिर्भर बनने के साथ ही समाज सेवा भी कर सकते हैं। मनोरंजक तरीके से गेम्स खिलाते हुए उन्होंने आंत्रप्योनरशिप की बारीकियों को सिखाया। इसके साथ ही श्री राहुल ने विद्यार्थियों को आंत्रप्योनरशिप में सक्सेस कई टिप्स भी दिए।

 

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि आंत्रप्योनरशिप के जरिए हम नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बन सकते हैं । प्रो. सुरेश ने कहा कि नौकरी में एक सीमित सोच के साथ काम करना होता है । लेकिन सीमित सोच के बाहर जाकर सोचना ही आंत्रप्योनरशिप है । उन्होंने कहा कि जो बियॉड सोच सकता है उसको जरुर आंत्रप्योनरशिप में जाना चाहिए । कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय एक थिंक टैंक की तरह होता है और हमने हमेशा नए विचारों, आईडियाज का स्वागत किया है।  इसके साथ ही उन्होंने आंत्रप्योनरशिप को सराकारात्मक दृष्टि से देखने की बात कही । उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप आंत्रप्योनरशिप में जरुर जाएं क्योंकि इसमें कुछ भी  करने की करने की स्वतंत्रता है । विशेष व्याख्यान का संचालन चलचित्र अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पवित्र श्रीवास्तव ने किया । जबकि आभार प्रदर्शन सहा प्राध्यापक डॉ. गजेंद्र सिंह आवस्या ने किया।

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