15 साल पुराने मामले में बुजुर्ग आरोपी को कोर्ट से मिली राहत
जादू-टोना का है मामला 15 साल पुराने मामले में बुजुर्ग आरोपी को कोर्ट से मिली राहत
डिजिटल डेस्क, नागपुर। 15 वर्ष पुराने एक विवाद में निचली अदालत द्वारा 1 वर्ष की सजा सुनाए गए आरोपियों को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने राहत दी है। आरोपी पिता की अधिक उम्र और दोनों बेटों के पारिवारिक जीवन को देखते हुए हाईकोर्ट ने उन्हें मुक्त किया है। आरोपियों को दो वर्षों तक प्रोबेशन अधिकारी की निगरानी में रहते हुए सुधारात्मक बर्ताव करने के आदेश दिए हैं। आरोपियों के नाम नागा बोढालकर (72), विजय बोढालकर और अमोल बोढालकर है। वे चंद्रपुर के बोर्डा जुलुरवार के निवासी हैं।
यह है पूरा मामला : नागा बोढालकर को शक था कि उसकी पोती पर यशवंत गेडाम काला जादू कर रहा है। 3 नवंबर 2006 को गेडाम जब अपने घर के आंगन में आराम कर रहा था, तब आरोपी नागा बोढालकर अपने बेटों अमोल और विजय के साथ वहां पहुंचा। ये लोग गेडाम को गालियां देने लगे, धमकाने लगे। कुछ देर बाद गेडाम पर तीनों ने हमला कर दिया। उसकी खूब पिटाई की। गेडाम की पत्नी और पुत्र उसे बचाने आए तो उन्हें भी पीटा गया। ऐसे में गेडाम ने तीनों आरोपियों के खिलाफ चंद्रपुर के पोमभुरना पुलिस थाने में शिकायत की। निचली अदालत ने तीनों को दोषी करार देकर भादवि 506, 343 के तहत 1 वर्ष की जेल और 1 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई, जिसे आरोपियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। आरोपियों के अधिवक्ता राजेंद्र डागा ने दलील दी कि यह 15 वर्ष पुराना एक मामूली विवाद है। आरोपी की उम्र 72 वर्ष हो गई है, बेटों ने भी विवाह कर लिया है। ऐसे मामले में आरोपियों पर दया दिखाई जानी चाहिए। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया है।