कानूनी सलाह के पेंच में अटकी ई-बस , उदासीनता से आगे नहीं बढ़ रहा कार्य

नागुपर कानूनी सलाह के पेंच में अटकी ई-बस , उदासीनता से आगे नहीं बढ़ रहा कार्य

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-17 06:29 GMT
कानूनी सलाह के पेंच में अटकी ई-बस , उदासीनता से आगे नहीं बढ़ रहा कार्य

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी में सिटी बस सेवा के बुरे हाल को लेकर मामला सुर्खियों में बना रहता है। वर्षों पुरानी जर्जर प्रदूषण फैलाने वाली बसों से संचालन खर्च के साथ ही यात्रियों की मुसीबत भी बढ़ रही है। ऐसे में परिवहन विभाग ने नई बसों की खरीदी को लेकर पहल की है। वायु और ध्वनि प्रदूषण से निजात के साथ ही सुविधाजनक सफर के रूप में इलेक्ट्रानिक बसों की खरीदी का फैसला हुआ है। मनपा के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के 120 करोड़ रुपए की निधि से 40 बसों की खरीदी होना है। पहले चरण में टाटा कंपनी से 15 बसों का अनुबंध कर आपूर्ति भी कर दी गई है, लेकिन अब अचानक 25 बसों के अनुबंध में देरी हो रही है। मनपा अधिकारियों के मुताबिक अनुबंध प्रावधानों को कानूनी सलाह के लिए विधि विभाग भेजा गया है। विधि विभाग से सहमति मिलते ही अनुबंध को अंतिम रूप देकर बसों की आपूर्ति का आदेश देंगे। सवाल यह है कि 40 बसों की पहली खेप के लिए 2 माह पहले अनुबंध के बाद अचानक दूसरे अनुबंध में कानूनी सलाह क्यों जरूरी हो गई है। अनुबंध के प्रावधानों में संदेह होने पर पहले अनुबंध को भी दोबारा से जांचने का प्रयास भी नहीं हो रहा है। इस पूरे पेंच पर अधिकारियों की ओर से कोई भी संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया जा रहा है। 

शिकायत भी की गई : केंद्रीय भारी उद्याेग मंत्रालय की प्रस्ताव के निवेदन (रिक्वेस्ट फार प्रपोजल) के प्रावधानों को शामिल कर पहले चरण में 15 बस के लिए अनुबंध कर दिया गया। पहली खेप में 15 बसों की आपूर्ति भी टाटा कंपनी से हो गई है। इन बसों में दीक्षाभूमि, जीरो मॉइल सहित अन्य स्थानों के चित्र लगाने का काम चल रहा है। वहीं दूसरी ओर 25 बसों की दूसरी खेप के अनुबंध में मनपा की लापरवाही परेशानी का सबब बन रही है। दूसरे दौर के अनुबंध में संचालन और देखभाल की जवाबदेही को तय करने के नाम पर विधि विभाग की सलाह के लिए भेजा गया है। करीब 15 दिन से प्रस्ताव विधि विभाग में पड़ा हुआ है। इस प्रस्ताव को विधि विभाग की मंजूरी के बाद ही अनुबंध रूप में परिवर्तित कर दिया जाएगा। ऐसे में टाटा कंपनी को बसों की आपूर्ति के साथ ही चार्जिग सहित अन्य सुविधाओं को तैयार करने में देरी हो रही है। इस मामले को लेकर टाटा कंपनी की ओर से मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी. से शिकायत भी की गई है।

टाटा की एजेंसी करेगी संचालन : स्मार्ट सिटी प्रबंधन के 120 करोड़ के फंड से 40 ई बसों की आपूर्ति को तय किया गया है। बसो का पंजीयन, चार्जिंग स्टेशन सुविधा तैयार करने सहित अन्य सेवाओं को मिलाकर करीब 1.35 करोड़ रुपए प्रति मिडी बस दाम चुकाने हैं। वातानुकूलित सुविधा वाली 30 सीट क्षमता की बसों का 15 साल तक टाटा की संचालन एजेंसी हंसा ट्रैवल्स के माध्यम से संचालन होगा। मनपा परिवहन विभाग से 15 बस के लिए प्रति किमी 47 रुपए प्रति किमी और 25 बस के 44.18 रुपए प्रति किमी भुगतान करेगी।

अनुबंध का इंतजार
स्मार्ट सिटी, मनपा और टाटा कंपनी के बीच बसों की आपूर्ति का अनुबंध होना है। पहले चरण में 15 बसों की आपूर्ति कर दी गई है, दूसरे चरण की 25 बसों को भी धारवाड़ में तैयार कर लिया गया है। अनुबंध में देरी से चार्जिंग स्टेशनों को तैयार करने में समय लग सकता है। ऐसे में अनुबंध को अंतिम रूप देने का इंतजार किया जा रहा है। अनुबंध में देरी को लेकर आयुक्त राधाकृष्णन बी. को सूचना दी गई है।   - आदित्य छाजेड़, संचालक हंसा ट्रैवल्स, नागपुर

संचालन के कानूनी प्रावधानों की जांच जरूरी
स्मार्ट सिटी को बसों की खरीदी और आपूर्ति काे लेकर अनुबंध करना है, जबकि मनपा को संचालन और देखभाल सहित अन्य प्रक्रिया को लेकर जवाबदेही तय करनी है। ऐसे में आरएफपी के बाद भी कई प्रक्रियाओं के कानूनी प्रावधानों को शामिल करना होता है। ऐसे में मनपा की ओर से अनुबंध में देरी नहीं हो रही है। जल्द ही बसों की आपूर्ति होने पर संचालन को लेकर प्रक्रिया कर दी जाएगी।   - चिन्मय गोतमारे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, स्मार्ट सिटी नागपुर
 

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