ये हैं पंजाब के 5 खतरनाक शहर, जहां रेलवे ट्रैक पर मनता है दशहरा
ये हैं पंजाब के 5 खतरनाक शहर, जहां रेलवे ट्रैक पर मनता है दशहरा
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब के अमृतसर शहर में दशहरे के दिन हुए दर्दनाक हादसे में अब तक 59 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि करीब 100 से अधिक घायल हैं। आशंका जताई जा रही है कि मौत का यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है। उम्मीद है हादसे के बाद सरकार और प्रशासन कुछ सबक जरूर ले लेंगे। यह बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पंजाब में कई शहर ऐसे हैं, जहां अब भी रेलवे ट्रेक के करीब ही दशहरा मनाया जाता है। आईए जानते हैं वो पांच शहर जहां लोगों की जान से खिलवाड़ होता है...
पहला शहर तो अमृतसर ही है, जहां यह बड़ा हादसा हुआ है। यह दर्दनाक हादसा अमृतसर में धोबी घाट के नजदीक जोड़ा फाटक के पास हुआ। यहां एक तेज गति से आई DMU ट्रेन ने रेलवे लाइन पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे लोगों को रौंद दिया। बता दें कि यहां पहली बार दशहरे का कार्यक्रम नहीं हुआ है। हर साल यहीं कार्यक्रम होता है।
दूसरे शहर के तौर पर लुधियाना का नंबर आता है। यहां भी हर साल धूरी लाइन के करीब ही दशहरा मनाया जाता है। यहां भी अमृतसर की तरह ही हर साल रेलवे लाइन के बिल्कुल पास दशहरा मनाया जाता है, जहां 10 हजार के करीब लोग पहुंचते हैं। कई बार ऐसा हादसा होने से बचा, लेकिन प्रशासन ने कभी इसे गंभीरता से नहीं लिया।
लुधियाना में इस बार शुक्रवार को जब रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों को जलाया जाना था, उसी दौरान ट्रैक से एक ट्रेन निकल गई थी। चश्मदीदों की मानें तो अगर यह ट्रेन थोड़ी लेट होती तो अमृतसर के जोड़ा फाटक जैसा दर्दनाक हादसा यहां भी हो सकता था। बता दें कि यहां रावण दहन से पहले ट्रेन निकल गई थी।
मोगा
मोगा शहर में भी दशहरे का कार्यक्रम नगर निगम के स्टेडियम में मनाया जाता है, जो रेलवे लाइन के बिल्कुल करीब है। यहां भी हजारों की संख्या में जब स्टेडियम में भीड़ बढ़ जाती है तो लोग रेलवे लाइन पर भी खड़े होकर दशहरे का नजारा देखते हैं।
संगरूर
इन खतरनाक शहरों की लिस्ट में संगरूर शहर भी शामिल है। संगरूर में जहां दशहरा मनाया जाता है, वो कार्यक्रम स्थल रेलवे लाइन से करीब 50 मीटर की दूरी पर ही है।
मानसा
मानसा शहर में भी वर्षों से दशहरा कार्यक्रम रेलवे ट्रैक के किनारे ही मनाया जा रहा है। इस बार भी रावण दहन का आयोजन यहीं किया गया था।