लॉकडाउन में मजदूरी न मिलने से गुजारा करना मुश्किल हो गया था सरकार ने दो समय के भोजन की व्यवस्था की -शिवलाल "खुशियों की दास्तां"!

लॉकडाउन में मजदूरी न मिलने से गुजारा करना मुश्किल हो गया था सरकार ने दो समय के भोजन की व्यवस्था की -शिवलाल "खुशियों की दास्तां"!

Bhaskar Hindi
Update: 2021-07-30 08:37 GMT

डिजिटल डेस्क | उज्जैन शहर के नीलगंगा क्षेत्र में रहने वाले 53 वर्षीय शिवलाल पोरवाल के परिवार में चार सदस्य हैं। शिवलाल पेशे से दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। कोरोना संक्रमण के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से शिवलाल को मजदूरी मिलना बन्द हो गई थी। कुछ समय तक घर में संग्रह करके रखे राशन से जैसे-तैसे अपने परिवार का भरण-पोषण शिवलाल ने किया। इसके बाद धीरे-धीरे जब परिस्थितियां सामान्य हुई तब शिवलाल दोबारा मजदूरी कर अपने परिवार की स्थिति को सामान्य करने की कोशिश करने लगे। लेकिन कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर इतनी खतरनाक थी, जिसका असर सबके साथ-साथ शिवलाल के परिवार पर भी हुआ। दूसरी लहर के संक्रमण के पश्चात शिवलाल पूरी तरह से टूट चुके थे।

उन्हें अब पहले जैसा काम नहीं मिल पा रहा था। इस कारण परिवार में खाद्यान्न की परेशानी हो गई थी। शिवलाल और उनकी पत्नी जैसे-तैसे समय काट रहे थे। शिवलाल और उनके जैसे कई गरीब परिवारों की राशन की समस्या को सरकार ने समझते हुए इसका निदान करने के लिये मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना बनाई, जिसके तहत परिवारों को अस्थाई पात्रता पर्ची वितरित की गई, ताकि कोरोना संक्रमण के कारण हुए नुकसान और परिवार के बेपटरी हुए बजट को दोबारा चलाने में कोई परेशानी न हो। कुछ दिन पहले ही शिवलाल को उज्जैन में आयोजित कार्यक्रम में अस्थाई पात्रता पर्ची मिली है, जिसके तहत पूरे परिवार को 40 किलो खाद्यान्न उपलब्ध होगा। शिवलाल ने बताया कि राशन की समस्या को दूर कर सरकार ने उनकी बहुत मदद की है। गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों के लिये मुख्यमंत्री बेहद संवेदनशील हैं। शिवलाल ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया है।

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