पानी को तरसेंगे 28 गांव - नए ट्यूबवेल खनन में फंसा आचार संहिता का पेंच
पानी को तरसेंगे 28 गांव - नए ट्यूबवेल खनन में फंसा आचार संहिता का पेंच
डिजिटल डेस्क,कटनी। शासकीय विभागों में प्यास लगने पर कुआं खोदने की तर्ज पर काम वर्षों से चल रहा है। हर साल गर्मियों में ग्रामीणों को जल संकट का सामना करना पड़ता है। लोगों को जल संकट से उबारने की तैयारी शासकीय विभाग भी गर्मियों के दस्तक देने के बाद शुरू करते हैं। जब तक कागज के घोड़े दौड़ते हैं तब तक गर्मी भी बीत जाती है और लोगों को हर बार की तरह बूंद-बूंद पानी को तरसना पड़ता है। इस बार जिले के 28 गांव ऐसे हैं जिन्हे भर गर्मी में प्यास बुझाना मुश्किल होगा। इन गांवों की नल जल योजनाएं जल स्त्रोत सूखने से बंद हैं और नए ट्यूबवेल खनन के लिए चुनाव आयोग की मंजूरी आवश्यक है।
आचार संहिता के बाद तैयार हुए प्रस्ताव
अधिकारियों को यह तो पता था कि फरवरी के बाद लोकसभा चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है, इसके बाद भी पूरे साल हाथ पर हाथ रखे बैठे रहे। जब चुनाव
की आचार संहिता प्रभावशील हो गई तब 28 गांवों में नए नलकूप खनन का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा गया। यदि समय पर चुनाव आयोग से अनुमति नहीं मिली तो इन गांवों की नल जल योजनाएं पूरी गर्मी बंद रहेंगी। पीएचई ने जिला कलेक्टर को 13 मार्च को नलकूप खनन का प्रस्ताव भेजा जबकि आचार संहिता 10 मार्च को प्रभावशील हो चुकी थी।
इन गांवों में होना है खनन
पीएचई से मिली जानकारी के अनुसार जिन गांवों में नल जल योजनाएं चालू कराने नए ट्यूबवेल का खनन होना है उनमें रीठी ब्लाक के मुहास, देवरी खुर्द, बांधा, कटनी ब्लाक के पड़रिया, बहोरीबंद ब्लाक के कूडऩ, गौरहा, धूरीख् खमतरा एवं बासन, ढीमरखेड़ा ब्लाक के सरसवाही, बरेहटा, बरेलीबार, देवरी मारवाड़ी, घुघरी, बड़वारा ब्लाक के सलैया बगदरी, रोहनिया, बगदरा, बरमानी और भजिया, विजयराघवगढ़ ब्लाक के उमरा, बरहटी, घुन्नौर हैं।
नया बोर भी हो गया फेल
जानकारी के अनुसार बड़वारा ब्लाक के हदरहटा में नया बोर भी फेल हो गया। यहां कुछ दिनों पहले ही ट्यूबवेल का खनन कराया गया था लेकिन उसमें इतना पानी नहीं है कि नल जल योजना सुचारू रूप से संचालित हो सके। रोहनिया में भी जल स्तर नीचे चले जाने से बोर ठप हो गया। भजिया में भी नलकूप फेल हो गया और बरमानी में ट्यूबवेल धंसक गया है। कछारी में ट्यूबवेल ने फरवरी से पानी उगलना बंद कर दिया था। सलैया सिहोरा का बोर भठ गया है। कछारी, बगदरा, सुतरी के भी बोर में जल स्तर घट गया है।
इनका कहना है
जिले की 28 गांवों की नल जल योजनाओं के ट्यूबवेल फेल होने से प्रभावित हैं, नए नलकूपों के खनन के लिए कलेक्टर के माध्यम से निर्वाचन आयोग को अनुमति के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। अनुमति मिलते ही ट्यूबवेल खनन का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। चंूकि प्रदेश के अन्य जिलों में इस तरह की अनुमति निर्वाचन आयोग ने दी है इसलिए उम्मीद है कि जल्द ही अनुमति मिल जाएगी।
ई.एस.बघेल कार्यपालन यंत्री पीएचई