करोना संकट में दान में मिली सामग्री, मनपा में सामने आ रहा करोड़ों का ‘कोरोना घोटाला'
करोना संकट में दान में मिली सामग्री, मनपा में सामने आ रहा करोड़ों का ‘कोरोना घोटाला'
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना संकट में राज्य सरकार से मनपा को करोड़ों रुपए मिले। सामाजिक संस्थाओं ने भी सैनिटाइजर, मास्क, पीपीई किट, थर्मा मीटर गन आदि सामग्री दान दी। इसके बाद भी सामग्री खरीदी दिखाई गई। बिना तिथि के प्रस्ताव पर अधिकारियों ने भी हस्ताक्षर किए। ऊंचे दाम पर सामग्री खरीदी की गई। वरिष्ठ नगरसेविका आभा पांडे ने तथ्यों के साथ इसका भांडाफोड़ करते हुए प्रशासन पर सरकार से प्राप्त निधि में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है। महापौर दयाशंकर तिवारी ने इस प्रकरण में मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी. की अध्यक्षता में एजी ऑफिस के दो वरिष्ठ लेखा-वित्त परीक्षण अधिकारी की समिति गठित कर जांच करने के निर्देश दिए हैं। समिति को एक माह में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा।
विशेष सभा में आरोपों की बौछार
मनपा की ऑनलाइन विशेष सभा हुई। आभा पांडे ने कोविड काल में सामग्री खरीदी और निधि में गैर-व्यवहार को लेकर स्थगन प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि मनपा के अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी ने अधिकार नहीं होने के बावजूद हस्ताक्षर किए। स्वास्थ्य अधिकारी के छुट्टी पर होने के बाद भी सामग्री खरीदी की फाइल पर उनके हस्ताक्षर हैं। एक बिल का भुगतान दो अनुदान से किया गया। एक दिन में दो स्वास्थ्य अधिकारियों ने नियमबाह्य हस्ताक्षर किए। सामग्री खरीदी के लिए भंडारा मनपा के रेट कॉन्ट्रैक्ट का उपयोग किया गया। अनेक प्रस्ताव और कार्यादेश पर तारीख नहीं है। इसके बाद भी अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए। तारीख नहीं दिखना ही, निधि का दुरुपयोग और बड़ा भ्रष्टाचार है। आभा पांडे ने प्रशासन पर घोटाले से संबंधित अनेक सबूत नष्ट करने का भी आरोप लगाया। पांडे ने इस संपूर्ण खरीदी का ऑडिट और निष्पक्ष जांच की मांग की।
बानगी कुछ इस तरह है...
-बड़े पैमाने पर ‘पीपीई किट’ और अन्य सामग्री भेंट व दान में मिली। फिर भी खरीदी दिखाई गई।
-एक ‘फार्मास्यूटिकल’ कंपनी से ‘एसी’ खरीदी गई। बाजार से अन्य सामग्री अधिक दाम पर खरीदी।
-पीपीई किट पहले 840 रुपए में खरीदी की। इसके बाद अलग-अलग कीमत में इसकी खरीदी दिखाई गई है।
-थर्मामीटर 11, 990 और कभी 4500 रुपए में खरीदी किया गया है।
-एक ही कंपनी को एक दिन में 9-9 लाख का बिल भुगतान किया।
-क्वारेंटाइन सेंटर में भोजन व्यवस्था के लिए एक व्यक्ति को 1 करोड़ 44 लाख 17 हजार 254 रुपए दिए गए।
कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ
अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी तारीखों का उल्लेख करते हुए प्रत्येक आरोपों का खंडन किया। मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी. ने कहा कि किसी तरह की अनियमितता नहीं हुई। जिस जांच की मांग की जा रही है, उस कोविड खर्च का ऑडिट सरकार द्वारा किया जाएगा।
एसडीआरएफ निधि की भी जांच हो
खरीदी प्रक्रिया में अनियमितता और गैर-व्यवहार की शंका का समाधान करने समिति गठित कर जांच करना आवश्यक है। इससे दूध का दूध, पानी का पानी होगा। एसडीआरएफ निधि को दो भागों में विभाजित कर जांच की जाए। -अविनाश ठाकरे, सत्तापक्ष नेता, मनपा
संदेह का समाधान होना जरूरी
सरकार द्वारा नियमानुसार कोविड खर्च का ऑडिट होगा। उक्त प्रकरण में आयुक्त की अध्यक्षता में दो वरिष्ठ लेखा वित्त परीक्षण अधिकारी की समिति जांच करेगी। समिति में अपना पक्ष रखने के लिए पहले आयुक्त को निवेदन करें। -दयाशंकर तिवारी, महापौर, मनपा