संभाग स्तरीय पुरुष एवं महिला कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित -

सागर संभाग स्तरीय पुरुष एवं महिला कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित -

Bhaskar Hindi
Update: 2021-12-22 09:42 GMT
संभाग स्तरीय पुरुष एवं महिला कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित -

डिजिटल डेस्क  सागर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में आयोजित संभाग स्तरीय पुरुष एवं महिला कुश्ती प्रतियोगिता में पहलवान छात्र छात्राओं ने अपने दांव पेंचों का जमकर प्रदर्शन किया। उच्च शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक तथा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जी एस रोहित ने प्रतियोगिता का उद्घाटन एवं समापन कर विजय प्रतिभागियों को पुरस्कार बांटे। प्रतियोगिता के प्रारंभ में डॉ जी एस रोहित डॉ संजीव दुबे डॉ मधु स्थापक डॉ इमराना सिद्धिकी डॉ दीपक जॉनसन ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पहार अर्पित कर दीप प्रज्वलन द्वारा प्रतियोगिता का विधिवत उद्घाटन किया। महाविद्यालय के स्पोर्टस ऑफिसर डॉ उमाकांत स्वर्णकार की देखरेख में आयोजित की गई दो दिवसीय प्रतियोगिताओं में उद्घाटन एवं समापन कार्यक्रम का संचालन डॉ संदीप सबलोक ने किया। प्रतियोगिताओं के दौरान डॉ अंकुर गौतम डॉ संदीप तिवारी डॉ सीपी सिंह चंदन सिंह महाविद्यालय की टीम कोच रश्मि दुबे राकेश सैनी प्रमोद सेन अनिल मेहरोलिया शैलेंद्र सिंह आदि की उपस्थिति रही। प्रतियोगिताओं के निर्णायक मंडल में जिला कुश्ती संघ के सचिव मनीष यादव विष्णु यादव धर्मवीर यादव डब्बू पहलवान संजय यादव नरेंद्र घोसी नरेंद्र सोनी तथा जिला कुश्ती संघ के अध्यक्ष आनंद विश्वकर्मा तथा महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के संचालक प्रतिनिधि के तौर पर मकरोनिया कॉलेज के स्पोर्टस ऑफिसर अनंत कुमार उपस्थित रहे। प्रतियोगिता के समापन पर संपूर्ण प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए संभाग भर से आए प्रतिभागी, पहलवानों, टीम मैनेजर व कोच, निर्णायकों तथा महाविद्यालय परिवार के सभी सहयोगियों का महाविद्यालय के स्पोर्टस ऑफिसर डॉ उमाकांत स्वर्णकार ने आभार माना। संभाग स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उच्च शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक तथा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जीएस रोहित ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग की मंशा है कि कुश्ती के रूप में लुप्त हो रही कला और संस्कृति को खेल के माध्यम से युवाओं में उभारा जाए। कुश्ती की कला सिर्फ शरीर को ही नही बल्कि मन मस्तिष्क को भी सबल बनाती है, जो एक सबल राष्ट्र के लिए बेहद जरूरी है।

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