जिलाधिकारी की कुर्सी बाहर निकाली, 7 माह में दोबारा कुर्की
83.72 करोड मुआवजा नहीं मिला जिलाधिकारी की कुर्सी बाहर निकाली, 7 माह में दोबारा कुर्की
डिजिटल डेस्क, यवतमाल। किसानों का कोई वाली नहीं है। यह बात आज शुक्रवार को जिलाधिकारी कार्यालय में देखने मिली है। 7 माह में किसानों को अपनी ही जमीन के पैसे पाने के लिए दोबारा कुर्की आदेश लाना पड़ा है। स्थानीय महिला किसान ज्योति अग्रवाल की 2.77 एकड़ खेती वर्धा-यवतमाल- नांदेड रेल मार्ग में गई थी। ग्राम गोदनी परिसर में स्थित इस खेती का मुआवजा शीघ्र मिलने के लिए उन्होंने न्यायालय में गुहार लगाई थी। मामले में इससे पहले न्यायालय ने फरवरी 2021 में आदेश जारी कर महिला किसान को कुल 83.73 करोड राशि देने के निर्देश दिए थे। मगर फिर भी जिलाधिकारी कार्यालय से सकारात्मक जबाब नहीं मिला। जिससे 15 दिसंबर 2021 को न्यायालय ने जिलाधिकारी कार्यालय पर कुर्की के पहली बार इस मामले में आदेश दिए थे। उस समय जिलाधिकारी अमोल येडगे ने 2 माह का समय मांगा था। ताकि किसानों को उनका मुआवजा दिलवाया जा सके। जिससे उस समय उनके कुर्सी की कुर्की नही हो पायी थी।
किसानों ने 2 माह की तुलना में तीनगुना से ज्यादा याने 7 माह का समय दिया। इस दौरान वे जिलाधिकारी कार्यालय का चक्कर पे चक्कर काटते रहे। फिर भी मुआवजा मिलने के कोई आसार नजर नहीं आने से मायूस हो गए । जिससे उन्होंने न्यायालय में फिर गुहार लगाई। जिसके चलते आज शुक्रवार 10 जुन को दिवानी न्यायाधिश लक्ष्मीकांत बीडवई ने जिलाधिकारी कार्यालय पर कुर्की के आदेश जारी किए। आदेश पर अमल करने हेतु न्यायालय के बेलीफ और महिला किसान जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। जिलाधिकारी की कुर्सी समेत भुसंपादन विभाग के उपजिलाधिकारी सविता चौधरी, आरडीसी ललितकुमार व-हाडे की कुर्सी जब्त करने की तैयारी कर ली गयी थी। इस बीच जिलाधिकारी ने बेलीफ और महिला किसान से बातचीत की। मुआवजा देने के लिए फिर 1 माह का समय मांगा गया। जिसपर किसान और न्यायालय के बेलीफ राजी होने से कुर्की की कार्रवाई फीर 15 जुलाई तक टल गयी।