जानिए, कैसे रायगांव सीट पर भाजपा की हार का कारण बना नेताओं के बीच का मतभेद

मध्यप्रदेश में उपचुनाव जानिए, कैसे रायगांव सीट पर भाजपा की हार का कारण बना नेताओं के बीच का मतभेद

Bhaskar Hindi
Update: 2021-11-06 17:00 GMT
जानिए, कैसे रायगांव सीट पर भाजपा की हार का कारण बना नेताओं के बीच का मतभेद

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उपचुनाव में कांग्रेस के कब्जे वाली दो विधानसभा सीटों पर जीत हासिल कर बेशक अपनी पीठ थपथपा रहा है, लेकिन रायगांव सीट का हारना विंध्य क्षेत्र में पार्टी रैंक के भीतर मतभेदों का स्पष्ट संकेत है। उपचुनावों से पहले, भाजपा ने 1993 से रायगांव में लगातार पांच चुनाव जीते थे और वह केवल 2013 में एक बार बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से हारी थी और इस तरह पार्टी ने इस सीट को पृथ्वीपुर और जोबट की तरह भाजपा का गढ़ बना दिया था, जहां कांग्रेस का दबदबा था।

उपचुनाव के बाद के विश्लेषण में, राज्य के शीर्ष भाजपा नेतृत्व ने दावा किया कि वह रायगांव इसलिए हार गई, क्योंकि बसपा ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा। हालांकि विंध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय पार्टी के नेता इससे सहमत नहीं हैं और वे स्थानीय स्तर पर समूहवाद की ओर इशारा कर रहे हैं। विंध्य क्षेत्र के एक वरिष्ठ भाजपा नेता, जो रायगांव विधानसभा सीट के चुनाव प्रभारियों में से एक थे, ने कहा कि स्थानीय नेताओं के बीच गुटबाजी और उम्मीदवार का चयन रायगांव में पार्टी की हार के मुख्य कारण है। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, एक गलत उम्मीदवार, जिसकी कोई विश्वसनीयता नहीं थी, का चयन किया गया। वह एक डमी थी, जबकि चुनाव विंध्य क्षेत्रों के दो क्षत्रिय नेताओं के बीच लड़ा गया था।

विंध्य क्षेत्र के एक अन्य भाजपा विधायक ने आईएएनएस को बताया कि लोग सतना के सांसद गणेश सिंह से खुश नहीं थे, जिनके नेतृत्व में रायगांव उपचुनाव लड़ा गया। सतना जिले के भाजपा विधायक ने कहा, पार्टी नेताओं के बीच मतभेद थे। साथ ही, रायगांव सीट को जिन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उन लोगों के बीच समन्वय की कमी थी। शीर्ष नेतृत्व हार का कोई न कोई कारण दे सकता है, लेकिन तथ्य यह है कि पार्टी के नेता जो देखरेख के प्रभारी थे, वे उपचुनाव को रायगांव में जीत नहीं दिला पाए। 30 अक्टूबर को राज्य के तीन विधानसभा क्षेत्रों और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव कराए गए थे। रायगांव एकमात्र ऐसी सीट थी, जहां दोनों दलों (भाजपा और कांग्रेस) ने महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था।

भाजपा की प्रतिमा बागरी कांग्रेस की कल्पना वर्मा से 12,290 मतों के अंतर से हार गईं। कांग्रेस तीन दशकों के बाद रायगांव जीतने में कामयाब रही। कुछ अन्य भाजपा नेताओं ने कहा कि रायगांव उपचुनाव सतना के सांसद (भाजपा) गणेश सिंह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय सिंह के बीच लड़ा गया था। तीन विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनाव में भाजपा ने पृथ्वीपुर और जोबट पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस ने रायगांव सीट जीती। खंडवा लोकसभा सीट भी भाजपा ने बरकरार रखी है।

(आईएएनएस)

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