नीना वर्मा को SC से राहत , बनीं रहेंगी धार विधायक
नीना वर्मा को SC से राहत , बनीं रहेंगी धार विधायक
डिजिटल डेस्क, धार। भाजपा विधायक नीना वर्मा विधायक बनीं रहेगी। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से उन्हें बड़ी राहत मिली है। वर्मा का 20 नवंबर को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने निर्वाचन शून्य घोषित किया था। इसी को लेकर विधायक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर स्टे लगा दिया गया है।
गौरतलब है कि 20 नवंबर को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने धार से बीजेपी विधायक नीना वर्मा का चुनाव शून्य घोषित कर दिया था। ये दूसरा मौका था जब नीना वर्मा का चुनाव शून्य घोषित किया गया। इसके बाद खंडपीठ ने उन्हें फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए 45 दिनों का वक्त दिया था। सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिलने के बाद विधायक नीना वर्मा के समर्थकों में खुशी की लहर है। बता दें नीना वर्मा के पति विक्रम वर्मा वरिष्ठ भाजपा नेता हैं और कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
क्या है मामला ?
दरअसल सुरिश्चंद्र भंडारी ने नीना वर्मा का चुनाव रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में आरोप लगाए थे कि नीना वर्मा ने नामांकन फॉर्म में कई जानकारियां नहीं दी हैं और जो दी है वो गलत हैं। इसे आधार बनाते हुए भंडारी ने नीना वर्मा का चुनाव निरस्त करने की बात कही थी। 21 सितंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
दूसरी बार चुनाव शून्य घोषित हुआ था निर्वाचन
विधायक नीना वर्मा का दूसरी बार चुनाव शून्य घोषित हुआ था। इससे पहले 2012 में कांग्रेस उम्मीदवार बालमुकुंद गौतम ने याचिका लगाते हुए उन पर कई आरोप लगाए थे। दरअसल 2013 के विधानसभा चुनावों में नीना ने धार सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार बालमुकुंद सिंह गौतम को 11,482 वोट से हराया था। इससे पहले 2008 के विधानसभा चुनावों में भी नीना ने गौतम को केवल एक मत से शिकस्त दी थी। इसके बाद कांग्रेस उमीदवार बालमुकुंद गौतम ने डाक मतपत्रों की पुनर्गणना में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए नीना वर्मा के निर्वाचन को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। अदालत ने गौतम की चुनाव याचिका मंजूर करते हुए धार सीट से नीना के निर्वाचन को 19 अक्टूबर 2012 को शून्य घोषित कर दिया था। बाद में इस मामले में नीना की रिक्रिमिनेशन याचिका 14 अगस्त 2013 को खारिज कर गौतम को धार सीट से विजयी उम्मीदवार घोषित कर दिया गया था।