मकान धंसने की घटना का डीजीएमएस की टीम ने किया सर्वे
दिशा निर्दश मकान धंसने की घटना का डीजीएमएस की टीम ने किया सर्वे
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। घुग्घुस के अमराई वार्ड में एक मकान जमीन के अंदर धंसने के मामले में खदान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) के नागपुर की टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। सर्वे कर उपस्थित वेकोलि अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। घटनास्थल समीप वेकोलि के ओबी के टीलों से वणी वेकोलि क्षेत्र के अलग-अलग सर्वेयरों ने सर्वे किया। इस मामले की संपूर्ण रिपोर्ट तैयार कर आगे का निर्णय लिया जाएगा।
डीजीएमएस के डीएमएस एम.के.गुप्ता के नेतृत्व वाली एक टीम घुग्घुस में पहुंची थी, ऐसी जानकारी वेकोलि के सूत्रों से मिली है। इस बीच घुग्घुस वार्ड क्रमांक 1 तिलक नगर निवासी वेंकटस्वामी कामपेल्ली के घर की दीवार में बड़ी दरार पड़ गई। दरार इतनी बड़ी थी कि सीमेंट की छत भी फट गई। जानकारी के अनुसार रविवार 28 अगस्त की रात अचानक घर की दीवार पर दरार पड़ गई। वेंकटस्वामी अपने परिवार के साथ घर से बाहर आ गए। वेकोलि व संबंधित अधिकारियों ने जांच कर तिलक नगर इलाके के कुछ धोखादायक जगहों पर लाल निशान बनाए हैं, उससे चार घर की दूरी पर और 26 अगस्त को हुए हादसे के घर से तकरीबन 800 मीटर की दूरी पर वेंकटस्वामी का मकान होने के कारण परिसर के लोगों में भय का वातावरण निर्माण हो गया है। सोमवार को भी वेकोलि के अधिकारियों व संबंधित विभाग के कुछ लोगों ने घटना की जांच की।
152 मकानों को खतरा
67500 वर्ग मीटर क्षेत्र के घरों को खतरनाक क्षेत्र के रूप में घोषित किया गया। इसमें 152 से अधिक घरों का समावेश है। स्थायी तौर पर रहने की व्यवस्था होने तक 3 हजार रुपए घर किराया वेकोलि देगी। यह राशि राजस्व विभाग के माध्यम से प्रत्येक परिवार को मिलेगी। कुछ माह में उन्हें स्थायी रूप में रहने के लिए जमीन के पट्टे व उस पर घर निर्माण के लिए सरकार मदद करेगी। यह मांग सांसद बालू धानोरकर के माध्यम से पूर्ण हुई है। इससे नागरिकों को राहत मिली है। वेकोलि अधिकारियों ने नक्शा बताकर सांसद को बताया कि, वर्ष 1902 से 1940 तक इस क्षेत्र में अंग्रेजों के जमाने की भूमिगत कोयला खदानें थी। वर्ष 1950 से 1984 तक भूिमगत खदानें थीं। इसके बाद इस जगह खुली खदान शुरू हुई। पहले के अंडरग्राउंड के दो गैलरी जंक्शन में यह हिस्सा धंसा और मकान जमीन में समा गया था।