भगवान श्री जुगल किशोर सरकार के सखी वेश दर्शन के लिए श्रद्धालुओ का उमड़ा जनसैलाब
पन्ना भगवान श्री जुगल किशोर सरकार के सखी वेश दर्शन के लिए श्रद्धालुओ का उमड़ा जनसैलाब
डिजिटल डेस्क,पन्ना। बुंदेलखण्ड में मथुरा-वृन्दावन के रूप में प्रसिद्ध मंदिरों की नगरी पन्ना में होली का पर्व हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया।मंगलवार को रात में उत्साह पूर्वक जगह-जगह होलिका दहन हुआ अगले दिन नगरवासियो ने रंग गुलाल की जमकर होली खेली। गुरूवार को परंपरा के अनुसार घर-घर भाईदोज पर्व होली उत्सव पर खुशियों के साथ रंग उत्सव की धूम रही। बहिनों ने भाईयों के माथे पर गुलाल का टीका लगाया इसके साथ ही श्रद्धालुओं को बुंदेलखण्ड के आराध्य देव भगवान श्री जुगल किशोर सरकार के उस अनूठे दर्शन जिसमें राधारानी के साथ होली खेलने पन्ना के जुगलकिशोर सरकार के रूप में प्रसिद्ध नंदनलाल के सखी भेष के दर्शन करने का इंतजार शुरू हुआ। गुरूवार की मध्य रात्रि को १२ बजे सखी के रूप मेंं सुंदर श्रृगांर के साथ भगवान जुगल किशोर सरकार की का अद्भुत रूप मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही श्रद्धालुओं का जब नजर आया तो भक्तगण अपने भगवान के उस रूप में दर्शन जो कि वर्ष में एक बार होते है अपलक निहारतें रहे। रात्रि में १२ बजे से लगभग ०१ बजे तक हजारो श्रद्धालुओं ने भगवान जुगलकिशोर सरकार के सखी भेष के दर्शन प्राप्त किए और तैयार हो गए अगले दिन आज शुक्रवार को परंपरा के अनुसार भगवान सखी भेष दर्शन करते हुए उसके सामने मिलकर गुलाल की होली खेलने के लिए सखी भेष दर्शन करते हुए। कहा जाता है कि मुरली मुकुट छीन लियो घाघरा चोली यशोदा के लाल को दुलिया सो सजायो है। होली के दूसरे दिन दोज को मध्य रात्रि में जुगलकिशोर सरकार सखी भेष धारण कर तेैयार हुए और होली के तीसरे दिन सुबह ०८ बजे से सखी बन आए नंदनलाल के साथ होली उत्सव मनाने को लेकर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।
ढोलक की थाप पर गाए होली के गीत, गुलाल उड़ाकर नाची महिलाऐं
कृष्ण की भक्ति में लीन महिलाएं ढोलक की थाप पर इस तरह के होली गीत गाते हुए गुलाल उड़ाकर नृत्य करती रही। श्री जुगलकिशोर मंदिर की रंगत आज देखते ही बन रही थी।सुबह ०८ बजे से ११ बजे तक श्रद्धालुओं का सैलाब भगवान के सखी भेष के दर्शन और उनके साथ गुलाल की होली खेलने के लिए पहुंचते रहे।ढोलक की थाप और मजीरों की सुमधुर ध्वनि के बीच महिला श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य की भक्ति और प्रेम में लीन होकर जब होली गीत और फाग गाते गाए। सभी के पांव भक्ति में भाव विभोर होकर थिरकने लगते हैं।