विधानसभा से 12 विधायकों के निलंबन का फैसला निष्कासन से भी बदतर

सुप्रीम कोर्ट ने कहा विधानसभा से 12 विधायकों के निलंबन का फैसला निष्कासन से भी बदतर

Bhaskar Hindi
Update: 2022-01-11 14:41 GMT
विधानसभा से 12 विधायकों के निलंबन का फैसला निष्कासन से भी बदतर

 डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा के पीठासीन अधिकारी से दुर्व्यहार करने के आरोप में 12 भाजपा विधायकों के निलंबन के फैसले को निष्कासन से भी बदतर बताया है। कोर्ट ने कहा है कि विधायकों का एक साल के लिए निलंबन निर्वाचन क्षेत्र के लिए भी सजा के समान है, क्योंकि इस दौरान निर्वाचन क्षेत्र का कोई प्रतिनिधित्व नहीं हुआ है।

गौरतलब है कि इन 12 विधायकों को 6 जुलाई 2021 को सदन से निलंबित कर दिया गया था।  जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने मामले पर आज हुई सुनवाई के दौरान कहा कि संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार किसी निर्वाचन क्षेत्र को 6 महीने से अधिक की अवधि तक बिना प्रतिनिधित्व के नहीं रखा जा सकता। पीठ ने कहा कि संबंधित नियमों के अनुसार विधानसभा के पास किसी सदस्य को 60 दिनों से अधिक निलंबित करने का कोई अधिकार नहीं है। इस पर पीठ ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सी आर्यमा सुंदरम के इस तर्क को स्वीकर करने से इंकार कर दिया कि न्यायालय विधानसभा द्वारा दिए गए दंड की मात्रा की जांच नहीं कर सकता।

इस संबंध में पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 190 (4) का हवाला देते हुए कहा कि यदि कोई सदस्य सदन की अनुमति के बिना 60 दिनों की अवधि तक अनुपस्थित रहता है तो वह सीट खाली मानी जाएगी। पीठ के यह विचार सुनने के बाद महाराष्ट्र सरकार के वकील ने राज्य से निर्देश लेने के लिए समय मांगा। इसके बाद पीठ ने स्पष्ट कर दिया कि इस मामले में वह केवल सजा की मात्रा को छोडकर अन्य पहलूओं पर विचार नहीं करेगी और अगली सुनवाई 18 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी। निलंबित विधायकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी, मुकुल रोहती, नीरज किशन कौल और सिद्धार्थ भटनागर ने दलीलें रखीं। उन्होंने तर्क दिया कि सदन द्वारा नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन किया गया है।

बता दें कि विधानसभा के पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव के साथ अपमानजनक और दुर्व्यवहार करने के आरोप में 6 जुलाई को महाराष्ट्र विधानसभा से 12 भाजपा विधायकों को एक साल के लिए निलंबित किया गया था। निलंबित किए गए 12 भाजपा विधायकों में आशीष शेलार, गिरिश महाजन, अभिमन्यु पवार, अतुल भातखलकर, नारायण कुचे, संजय कुटे, पराग अलवणी, राम सातपुते, हरीश पिंपले, जयकुमार रावल, योगेश सागर, कीर्ति कुमार बागडिया के नाम शामिल है। 


 

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