ताड़ोबा के जंगल में मिले दो बाघों के शव  

चंद्रपुर ताड़ोबा के जंगल में मिले दो बाघों के शव  

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-02 08:53 GMT
ताड़ोबा के जंगल में मिले दो बाघों के शव  

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। जिले के विश्वप्रसिद्ध ताड़ोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प में दो बाघों की मौत हाेने की खबर गुरुवार 1 दिसंबर को सामने आयी। इसमें से एक बाघ की मौत दो बाघों के भिड़ंत से और एक बाघिन की मौत प्राकृतिक होने का अनुमान वनविभाग ने जताया है। इसमें से एक की मौत गुरुवार को और दूसरे की बुधवार 30 नवंबर को हुई। ताड़ोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के मोहर्ली वनपरिक्षेत्र अंतर्गत आगरझरी के कक्ष क्रं. 189 में 6 से 7 महीने का मरा हुआ शावक (मादा) मिला है। बाघों की आपसी भिड़ंत में इस शावक की मौत का अनुमान वनविभाग ने व्यक्त किया है।

सूचना मिलने पर सहायक वनसंरक्षक बापू येडे, राष्ट्रीय व्याघ्र प्राधिकरण के प्रतिनिधि बंडू धोत्रे अध्यक्ष प्रधान मुख्य वनसंरक्षक वन्यजीव के प्रतिनिधि मुकेश भांदककर, वनपरिक्षेत्र अधिकारी संतोष थिपे, पशुवैद्यकीय अधिकारी डॉ. कुंदन कोडसेलावर पहुंचे थे। शावक के शव को चंद्रपुर स्थित वनविभाग के ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर लाया गया। डा. कुंदन कोडसेलावार, डा. संजय बावणे ने बाघ का पोस्टमार्टम किया है।  इस अवसर पर ताड़ोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के क्षेत्र संचालक जीतेंद्र रामगावकर, सहायक वनसंरक्षक महेश खोरे, सहायक वनसंरक्षक बापू येडे, वनपरिक्षेत्र अधिकारी संतोष थिपे आदि उपस्थित थे। आगे की कार्रवाई बफर उपसंचालक कुशाग्र पाठक के  मार्गदर्शन में मोहर्ली के वनपरिक्षेत्र अधिकारी संतोष थिपे कर रहे हैं।

दूसरी घटना बुधवार की दोपहर 3 बजे सामने आई। ताड़ोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के बफर क्षेत्र अंतर्गत सिंदेवाही तहसील के शिवनी वनपरिक्षेत्र के वासेरा नियत क्षेत्र से सटे राजस्व विभाग के गुट क्रं. 185 में बिट सहायक गश्त लगा रहे थेे। इस दौरान दोपहर 3 बजे बाघिन (टी 75) मृत अवस्था में मिली। सूचना मिलते ही उपसंचालक बफर कुशाग्र पाठक, पशुवैद्यकीय अधिकारी डा. कुंदन पोडचलवार घटनास्थल पर पहुंचे और पंचनामा किया। पंचनामा के बाद बताया कि मृत बाघिन 14 से 15 वर्ष आयु की होने का अनुमान है। इसकी मौत बुढ़ापे की वजह से प्राकृतिक रूप से हुई है। मृत बाघिन का चमड़ा और शरीर के सभी अंग सड़ी गली अवस्था में मिले हंै। उसके दांत और नाखून सलामत होने से इस बाघिन के शिकार की संभावना नगण्य है।  

सूचना मिलने पर 1 दिसंबर को वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में डाक्टरों ने पोस्टमार्टम किया है और गुरुवार की सुबह बाघिन का दहन किया गया।  इस अवसर पर ताड़ोबा अंधारी बफर प्रकल्प क्षेत्र के उपसंचालक कुशाग्र पाठक, राष्ट्रीय व्याघ्र प्राधिकरण के प्रतिनिधि, इको प्रो के अध्यक्ष बंडू धोत्रे, प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन्यजीव) के प्रतिनिधि मुकेश भांदककर, वनपरिक्षेत्र अधिकारी तुपे, पशुवैद्यकीय अधिकारी डॉ. कुंदन कोडसेलवार, सिंदेवाही के पशुवैद्यकीय अधिकारी डॉक्टर सुरपाम उपस्थित थे। 
 

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