118 पंचायतों में शुरू होगी सीएससी सेवायें "खुशियों की दास्तां" आरसेटी के माध्यम से आजीविका मिशन ने कराया इनका प्रशिक्षण!

118 पंचायतों में शुरू होगी सीएससी सेवायें "खुशियों की दास्तां" आरसेटी के माध्यम से आजीविका मिशन ने कराया इनका प्रशिक्षण!

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-23 08:12 GMT
118 पंचायतों में शुरू होगी सीएससी सेवायें "खुशियों की दास्तां" आरसेटी के माध्यम से आजीविका मिशन ने कराया इनका प्रशिक्षण!

डिजिटल डेस्क | आजीविका मिशन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के लिए समूह से जुड़ी महिलाओं को कॉमन सर्विस सेंटर की स्थापना करते हुए संचालन करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। पूर्व में जिले में 30 पंचायतों में महिलाओं के द्वारा ये सेवायें दी जा रहीं हैं। 118 नवीन पंचायतों को इस कार्य विस्तार के लिए जोड़ा गया है। जिले की सभी 11 जनपद पंचायत क्षेत्रों में ये नवीन सीएससी संचालक अपनी सेवायें शुरू करेंगी। खुरई विकासखण्ड के ग्राम खिमलासा की श्रीमती रश्मि चढ़ार ने बताया कि 10 वर्ष पूर्व उनके पारिवारिक जीवन में विच्छेद हो गया था पति ने दोनेां बच्चों का दायित्व पत्नी को मढ़कर स्वयं परिवार से नाता तोड़ दिया। परेशान हाल रश्मि मायके लौट आयी जहां उसके वृद्ध पिता ने बेटी को आश्रय दिया।

वर्धमान स्व. सहायता समूह से जुड़कर उन्होंने सिलाई का काम किया। समूह के अन्य कार्य दायित्वों से उन्हें लगभग तीन हजार रूप्ये मासिक आमदनी हो जाती थी। लेकिन अब वे खिमलासा के 28 स्वयं सहायता समूहों और अन्य ग्रामीणों को सीएससी के माध्यम से मदद होंगी। बदले में वे अपने परिवार का भरण पोषण करने योग्य आमदनी कमा सकेंगी। देवरी के ग्राम रसेना की वनस्पति विज्ञान में स्नातकोत्तर कुमारी मौनिक प्यासी ने इस प्रशिक्षण के माध्यम से जनसेवा के क्षेत्र में कदम रखा है। उनका मानना है कि शिक्षित युवतियां भी परिवार में बेटों की तरह दायित्व निर्वहन कर सकती हैं। ग्राम रीछई विकासखण्ड जेसीनगर की भारत माता स्वयं सहायता समूह से जुड़ी श्रीमती वर्षा कुर्मी सीएससी के माध्यम से परिवार चलाने में अपने पति का हाथ बंटाना चाहती हैं उनके कृषक पति खेती से परिवार चलाते हैं।

ग्राम फुलर विकासखण्ड रहली की अंतरा कुर्मी ने अन्न पूर्णा स्वयं सहायता समूह से जुड़कर पहले फोटो कॉपियर का काम शुरू किया था अब वे उसी काम को बढ़ाकर सीएससी के माध्यम से अपनी पारिवारिक आमदनी को बढाना चाहती हैं। शांतिलाल ब्राहम्णे जिला प्रबंधक सूक्ष्म वित्त ने बताया कि इन महिलाओं का छः दिवसीय तकनीकी प्रशिक्षण आरसेटी में आयोजित किया गया है जिसमें एनआईसी बैंक व अन्य विशेषज्ञों ने बारी-बारी से इन्हें तकनीकी कौशल विकास की जानकारी दी।

श्री रोहण दुबे, जिला प्रभारी एमजीजीएसके सीएससी ने बताया कि इनकी आईडी बनने के उपरांत ये ग्रामीण क्षेत्रों में आधार कार्ड के माध्यम से बैंकिंग सेवायें, वृद्धावस्था पेंशन,आय प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाणपत्र, पैन कार्ड, आयुषमान कार्ड, प्रधानमंत्री मानधन योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के पंजीयन, बिजली बिल भुगतान, रेलवे टिकिट, जीवन बीमा, फसल बीमा, प्रधानमंत्री आवास योजना, पेनकार्ड नवीनीकरण आदि समेत 80 सेवायें ग्रामीणों को देंगी जिससे ग्रामीणों के धन और श्रम में बच हो सकेगी। इन्हें इस सेवाओं के प्रदाय के लिए हितग्राही शासकीय एजेंसी के द्वारा निर्धारित शुल्क प्राप्त होगी।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, सागर डॉ. इच्छित गढ़पाले, ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को प्राथमिक सेवाओं के लिए जैसे- खसरा की नकल, राशि का लेनदेन, आयुष्मान कार्ड बनवाना, बीमारी में डॉक्टर की सलाह लेना जैसी सेवाओं के लिए अब शहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी वे ग्राम स्तर पर सहजता से इन सेवाओं को ले सकेंगे। इससे उनके समय और पैसे में बचत होगी तथा केन्द्र संचालक के रूप में महिलाओं को आगे आने और नेतृत्व विकास के अवसर प्राप्त हो सकेंगे।

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