आंधी-तूफान से किसानों के हाथ आयी फसलें बर्बाद

भंडारा आंधी-तूफान से किसानों के हाथ आयी फसलें बर्बाद

Bhaskar Hindi
Update: 2022-05-14 09:56 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, मोहाड़ी (भंडारा)। जिले में  तेज हवा और तूफान से किसानों की फसलों का नुकसान हो गया। धान की फसल जमीन पर लेट गई। सब्जी फसल काे भी काफी नुकसान पहुंचा है। धान की फसल परिपक्व हुई थी। ऐसे में किसानों के हाथ आयी फसल नष्ट हो गई। तहसील के सालई खुर्द, जांब, मांडेसर, खमारी, हरदोली, कांद्री, डोंगरगांव, चिचोली, उसर्रा, पालडोंगरी में किसानों द्वारा लगाई गई धान फसल का नुकसान हुआ है। फसलों को जीवित रखने के लिए बावनथड़ी प्रकल्प से पानी छोड़ा गया था। अचानक अायी आंधी-तूफान से रबी की फसल जमीन पर लेट गई।

अब किसानों ने सर्वेक्षण कर नुकसान भरपाई की मांग की है। मौसम में आए बदलाव के चलते इस बार किसानों का लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। इससे धान फसल की उपज में 50 प्रतिशत की कमी आने की संभावना बनी हुई है। धान फसल परिपक्व हो गई थी। ऐसे में तेज हवाओं के चलते खड़ी फसल बर्बाद हो गई। धान के साथ साथ ही फलों व अन्य फसलों काे भी नुकसान पहुंचा है। सिंचाई के भरोसे 75 प्रतिशत लगायी गई थी धान : प्राकृतिक संकट के बचने किसानों ने बावनथड़ी, पेंच प्रकल्प तथा बोरवेल व कुएं जैसे निजी साधनों पर निर्भर रहकर 75 प्रतिशत धान फसल लगायी थी। आठ दिन में धान फसल हाथ आनेवाली थी। परंतु फसलों का नुकसान हुआ है। 

पंचनामा कर मुआवजा देने की मांग : सालई खुर्द, सिहरी, पालडोंगरी, उसर्रा परिसर में बावनथड़ी प्रकल्प का पानी खेतों में संग्रहित होने से फसलों को खतरा बना हुआ है। आठ दिन में फसल आने की आस में बैठे किसानों को नुकसान झेलना पड़ा। कृषि विभाग से पंचनामा कर मुआवजा देने की मांग होने लगी है। 

  
 
 

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