चीते की तर्ज पर अब सारस को लाया जाएगा चंद्रपुर!

कोर्ट के आदेश चीते की तर्ज पर अब सारस को लाया जाएगा चंद्रपुर!

Bhaskar Hindi
Update: 2022-10-01 12:02 GMT
चीते की तर्ज पर अब सारस को लाया जाएगा चंद्रपुर!

डिजिटल डेस्क,चंद्रपुर(चंद्रपुर)। उच्च न्यायालय के आदेशानुसार चंद्रपुर जिले के जिलाधिकारी अजय गुल्हाने की अध्यक्षता में 2 फरवरी 2022 को 9 सदस्यीय समिति की स्थापना की गई। इस दौरान कई बैठकों में चर्चा होकर सारस संवर्धन प्रारूप तैयार किया गया। जिससे चीते के जैसे चंद्रपुर जिले से नामशेष हुए सारस पक्षी को पुन: चंद्रपुर में लाने का प्रस्ताव न्यायालय के पास भेजा गया है। वन्यजीव सप्ताह के मद्देनजर यह जानकारी समिति के सदस्य सुरेश चोपने ने दी। गोंदिया की सेवा संस्था ने अध्ययन कर सारस पक्षी विदर्भ से नष्ट होने की कगार पर होने की अभ्यासिका प्रकाशित की थी। उसका संज्ञान लेकर स्वयं उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने (न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे तथा अनिल पानसरे) 5 जनवरी 2022 को दिए आदेश के अनुसार भंडारा, गोंदिया तथा चंद्रपुर से लुप्त होने वाले सारस क्रेन पक्षी के संवर्धन के लिए 2 फरवरी 2022 को सारस संवर्धन समिति की स्थापना की गई थी। 

इसमें चंद्रपुर जिला सारस संवर्धन समिति में अध्यक्ष जिलाधिकारी चंद्रपुर, सदस्य सचिव मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिप चंद्रपुर, सदस्य विभागीय वन अधिकारी चंद्रपुर वन विभाग, कार्यकारी अभियंता जलसंपदा विभाग, जिला अधीक्षक कृषि विभाग, विभागीय वन व्यवस्थापक चंद्रपुर सहित स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधि के रूप में सेवा संस्था गोंदिया, निमंत्रित संस्था ग्रीन प्लानेट सोसायटी, इको-प्रो का समावेश था। समिति द्वारा जिले के पक्षियों का अस्तित्व, स्थिति तथा संरक्षण का प्रारूप तैयार किया गया। विविध विभाग के सर्वेक्षण से जिले में एक भी सारस पक्षी पिछले 2 वर्ष से दिखाई नहीं दिया। संस्था के सदस्य प्रा. सुरेश चोपने ने सारस पक्षी को पुन: चंद्रपुर जिले में लाए ऐसा प्रस्ताव समिति के पास रखा। जिसके अनुसार यह प्रस्ताव समिति ने न्यायालय के पास भेजा। यहां छोटे पिल्ले लाने, जोड़ी लाने या कृत्रिम तरीके से अंडों से निकालने का अभ्यास व वन्यजीव बोर्ड के मंजूरी के बाद यह पक्षी पुन: इस प्रारूप में वन विभाग, कृषि विभाग, जल संपदा तथा अन्य विभाग द्वारा किए गए सर्वेक्षण में जिले में एक भी सारस पक्षी दिखाई नहीं दिया, लेकिन भविष्य में यह पक्षी आने पर उसे लगने वाला अधिवास सुरक्षित रहे, इसके लिए समिति ने उपाय योजना बताई है।  
 

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