करोड़ों रुपये की गाय और बकरियां हो गईं गायब

जांच में खुलासा... करोड़ों रुपये की गाय और बकरियां हो गईं गायब

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-22 05:23 GMT
करोड़ों रुपये की गाय और बकरियां हो गईं गायब

नीरज दुबे , नागपुर । काेरोना संक्रमण के दौरान जिले में दूध उत्पादन को बढ़ाने के साथ ही पशुपालकों को नए अवसर देने का प्रयास आरंभ किया गया। खनिकर्म बाधित और अबाधित 1800 गांवों के लिए योजना बनाई गई थी। इसके तहत खनिजकर्म विभाग की करीब 11 करोड़ की कौशल्य विकास निधि से बकरी और गाय का वितरण किया गया, लेकिन साल भर बाद योजना की सफलता को लेकर जिप के पशुसंवर्धन विभाग ने पुनर्रीक्षण कराने का फैसला किया था। जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को अनियमितता की शिकायत भी मिली, ऐसे में अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी कमलकिशोर फुटाने के मार्गदर्शन में वित्त एवं अन्य विभागों के प्रमुखों को प्रत्यक्ष निरीक्षण और समीक्षा करने का निर्देश दिया गया। इस निरीक्षण में दोनों समूह में 50 फीसदी जानवर गायब पाए गए हैं। निरीक्षण के दौरान लाभार्थियों ने गाय और बकरी के मृत होने, अन्य स्थान पर पालन और चोरी होने की जानकारी दी है। ऐसे में प्रशासन की ओर से विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर कार्रवाई का प्रयास अब किया जा रहा है।

पूरी जानकारी इस प्रकार है
जिला परिषद के पशुसंवर्धन विभाग के माध्यम से जिले की 13 तहसील में लाभार्थियों को गाय और बकरी वितरण किया गया।  साल 2021-22 में बकरी समूह के लिए 11,24,38,070 की निधि को प्रशासकीय मंजूरी दी गई, इसमें से पहले चरण में 40 फीसदी राशि 4,49,75,228 रुपए जिप प्रशासन को मिले हैं। {गाय समूह में 14,87,73,200 रुपए की निधि को प्रशासकीय मंजूरी मिली है, इसमें से 40 फीसदी रकम यानि 5,95,09,280 रुपए भी मिल चुके हैं। {पिछले साल 1 सितंबर से 15 सितंबर तक 5725 बकरी समूह और 7785 गाय समूह में जानवरों के वितरण के लिए 13510 आवेदन मिले थे। इसमें से 2327 विविध कारणों से आवेदन खारिज कर दिए गए थे। {गाय समूह में 1026 गायों और 959 बकरियों को प्रशासन ने वितरित किया है। {जांच के दौरान गाय समूह में 1026 में से केवल 530 गाय ही मौजूद पाई गई। यही स्थिति बकरी पालन योजना में भी बनी हुई है। इस योजना में वितरित 959 में से केवल 397 बकरियां ही लाभार्थियों के पास पाई गई हैं। अब प्रशासन नए सिरे से जांच कर कार्रवाई करने के मूड में है।

योजना का पुनर्परीक्षण किया जा रहा  
दो समूह में योजना
कौशल्य विकास के तहत रोजगार निर्मिती योजना में दुग्ध विकास एवं बकरी पालन योजना शुरू हुई। योजना में 1300 गाय समूह और 1300 बकरी समूह के लिए लाभार्थियों को चिन्हित किया गया था। लाभार्थी किसानों को गाय समूह में 2 गाय और  बकरी समूह में 10 बकरी और 1 बकरे का वितरण हुआ था। बकरी पैकेज में 90 हजार रुपए की सहायता में 10 फीसदी लाभार्थी को और 90 फीसदी सरकारी अनुदान है, जबकि गाय समूह में 1.25 लाख रुपए की सहायता में भी 10 फीसदी लाभार्थी को वहन करना है। साल भर में दोनों समूह में योजना पर 5,75,64,124 रुपए खर्च किए जा चुके हैं।

 

 

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