किसान आंदोलन को बाधित करने की साजिश की जांच हो : एसकेएम

सिंघु बॉर्डर मामला किसान आंदोलन को बाधित करने की साजिश की जांच हो : एसकेएम

Bhaskar Hindi
Update: 2021-10-16 13:55 GMT
किसान आंदोलन को बाधित करने की साजिश की जांच हो : एसकेएम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । सिंघु बॉर्डर पर एक व्यक्ति की बेरहमी से हुई हत्या मामले में अपना पल्ला झाड़ चुके संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने मांग की है कि किसान आंदोलन को बाधित करने की साजिश की जांच होनी चाहिए। मोर्चा ने सिंघु बॉर्डर पर हुई यातनापूर्ण हत्या की जघन्य घटना की निंदा की है। इसके पहले एसकेएम कह चुका है कि इस हत्याकांड की जिम्मेदारी एक निहंग समूह ने ली है और निहंग समूह से उसका कोई लेना-देना नहीं है।

एसकेएम ने यहां जारी बयान में कहा कि इस हत्याकांड में बेअदबी और अशांति को बढ़ावा देकर किसान आंदोलन को बाधित करने की साजिश के आरोपों की जांच होनी चाहिए। मृतक लखबीर सिंह के गांव और परिवार से प्राप्त जानकारी से ऐसा प्रतीत होता है कि उसे कई दिनों से गोपनीय कॉल आ रहे थे, जिसे वह एकांतता से बात करता था। मृतक लखबीर ने अपनी बहन से कहा था कि ‘उसकी पहुंच बढ़ गई है’।

जानकारी के मुताबिक लखबीर सिंह गांव में एक शादी के बाद एक निहंग सिख की पोशाक में किसी व्यक्ति के साथ चला गया और तब से सिंघु मोर्चा में एक निहंग समूह के साथ रह रहा था। एसकेएम की मानें तो ये सारी सूचनाएं किसी-न-किसी तरह की गहरी साजिश की ओर इशारा करती हैं। हालांकि एसकेएम ने कहा है कि विभिन्न सीमाओं के बावजूद आंदोलन लगातार मजबूत होता रहा है और शांति और अहिंसा के मूलाधार के चलते ऐतिहासिक आंदोलन तेजी से आगे बढ़ता रहेगा।

संगठनों ने एनसीएससी से की आरोपी को कड़ी सजा दिलाने की मांग   

हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर किसानों के धरना स्थल पर पंजाब के एक व्यक्ति की नृशंस हत्या के मामले में  राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला से दिल्ली विश्वविद्यालय के एससी-एसटी प्रोफेसर के शिष्टमंडल सहित एक दर्जन से भी अधिक विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी मुलाकात करने पहुंचे और आरोपी को कड़ी सजा दिलाने की मांग की। वहीं आयोग के अध्यक्ष ने भी सभी संगठनों को भरोसा दिलाया है कि इस घटना पर जो भी उचित कदम होंगे वह उठाए जायेंगे।

एनसीएससी के अध्यक्ष सांपला ने भी बातचीत में इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह अपने आपने में दिलदहलाने वाली घटना है। उन्होंने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी यदि उस व्यक्ति ने की थी, तो इसके पक्षधर हम नहीं हैं। उस पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए थी, लेकिन इस तरह से सजा देने का अधिकार किसी को नहीं है। इस घटना के बाद क्या किसान नेताओं से कोई बातचीत हुई? जवाब में उन्होंने नकार देते हुए कहा कि किसानों से मेरा कोई लेना देना नहीं है, लेकिन बहुत सारे अनुसूचित जाति के लोग उनके आंदोलन का हिस्सा है। मगर उन्हीं के साथ ऐसा होना यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

 

Tags:    

Similar News