कांग्रेस ने कहाः पहले खुद को भाजपा विरोधी साबित करे ओवैसी
महा विकास आघाडी में मतभेद कांग्रेस ने कहाः पहले खुद को भाजपा विरोधी साबित करे ओवैसी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। एमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष सांसद इम्तियाज जलील द्वारा महा विकास आघाडी में शामिल होने का प्रस्ताव को शिवसेना ने सिरे से खारिज कर दिया है कि जबकि महा विकास आघाडी में शामिल कांग्रेस ने कहा है कि फिलहाल एमआईएम की तरफ से ऐसा को प्रस्ताव नहीं है। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि एमआईएम पहले खुद को भाजपा विरोधी साबित करे क्योंकि वह अब तक भाजपा की बी-टीम की तरह काम करती रही है। जबकि राकांपा सांसद सुप्रीया सुले ने एमआईएम के प्रति नरम रुख अपनाते हुए कहा कि समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ आना चाहिए। इसके पहले एमआईएम के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जलील ने कहा था कि भाजपा को रोकने के लिए हम महा विकास आघाडी से हाथ मिलाने को तैयार हैं। जलील ने राकांपा के वरिष्ठ नेता व राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के माध्यम से अपना यह संदेश राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के पास भेजा है। जलील ने कहा कि भाजपा को हराने के लिए सभी दलों को एक साथ आना होगा। उन्होंने कहा कि आगामी चुनावों को लेकर हम महा विकास आघाडी के साथ गठबंधन करने को तैयार हैं। जलील के घर गए राजेश टोपे के माध्यम से उन्होंने यह संदेश पवार के पास भेजा है। जलील ने कहा कि हम पर आरोप लगाए जाते हैं कि भाजपा एमआईएम की वजह से जीतती है। इस लिए हमनें राकांपा नेता को यह ऑफर दिया कि यह आरोप समाप्त करने के लिए हमें अपने साथ लें। जलील ने कहा कि हम केवल राकांपा नहीं बल्कि कांग्रेस के साथ भी जाने को तैयार हैं।
औरंगाजब को आदर्श मानने वालों के साथ गठबंधन का सवाल नहीः संजय राऊत
एमआईएम के ऑफर को सिरे से खारिज करते हुए शिवसेना प्रवक्ता व सांसद संजय राऊत ने कहा कि औरंगजेब को अपना आदर्श मानने वालों के साथ हम कैसे जा सकते हैं। शिवसेना नेता व राज्यमंत्री अब्दुल सत्तार ने कहा कि शिवसेना में पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे जो फैसला लेते हैं वही अंतिम होता है। जबकि शिवसेना के पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे ने कहा कि एमआईएम के साथ कभी गठबंधन नहीं हो सकता। दूसरे तरफ से प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता लोंढे ने कहा कि एमआईएम लगातार भाजपा की मदद कर रही है। यदि वे हमारे साथ आना चाहते हैं तो पहले साबित करें कि वे भाजपा विरोधी हैं। उसके बाद उनके प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एमआईएम के साथ गठबंधन का कोई प्रस्ताव नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा कि समान विचारधारा और समान उद्देश्य वाले दलों के साथ गठबंधन किया जाता है। अलग विचाराधारा वाले दल के साथ गठजोड़ नहीं हो सकता। जनता के हित में कांग्रेस ने शिवसेना-राकांपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई है।