मप्र चुनाव : कांग्रेस के कुनबे में कलह, टिकट न मिलने से सक्रिय हुए बागी, पार्टी के विरोध में करेंगे प्रचार
मप्र चुनाव : कांग्रेस के कुनबे में कलह, टिकट न मिलने से सक्रिय हुए बागी, पार्टी के विरोध में करेंगे प्रचार
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। कांग्रेस के कुनबे में विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। शनिवार को जारी 155 प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद पार्टी के बागी सक्रीय होग गए हैं। बात जबलपुर जिले की करें, तो यहां पर अभी पांच सीटों की घोषणा हुई है। घोषणा के बाद से ही केंट, बरगी और पूर्व की सीट को लेकर घमासान जारी हो गया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो यहां पर बागी पार्टी के विरोध में प्रचार प्रसार करने का मन बना रहे हैं, इतना ही नहीं कुछ बागी ऐसे हैं, जो निर्दलीय उम्मीदवार के नाम पर अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
उल्लेखनीय है कि भले ही पार्टी के आलाधिकारी यह कहें कि कांग्रेस में सुलह के बाद शनिवार को 155 प्रत्याशियों की सूची जारी की गई है, जिसमें जबलपुर में पांच सीटों पर नाम घोषित हुए है। जबलपुर में पश्चिम से तरुण भनोट, केंट से आलोक मिश्रा, बरगी से संजय यादव, पाटन नीलेश अवस्थी व सिहोरा से खिलाड़ी सिंह आर्मो के नाम पर मुहर लगा दी गई है। वहीं उत्तर-मध्य को लेकर अभी कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है।
बताया जाता है कि कांग्रेस के आला नेताओं ने काफी चिंतन मनन के बाद आज 155 प्रत्याशियों की सूची को जारी किया है, जिसमें जबलपुर की केंट से आलोक मिश्रा, बरगी से संजय यादव, पाटन से नीलेश अवस्थी, सिहोरा से खिलाड़ी सिंह आर्मो व पश्चिम से तरुण भनोट के नाम तय कर दिए गए है, इसके अलावा अभी पनागर, उत्तर मध्य को लेकर पार्टी अभी तक कोई भी निर्णय नहीं ले पाई है, गौरतलब है कि पूर्व विधानसभा क्षेत्र से लखन घनघोरिया का नाम तो पहले से ही फाइनल है।
जबलपुर की जिन पांच सीटों को लेकर घोषणा की गई है, उसमें सिहोरा से खिलाड़ी सिंह आर्मो को टिकट दिया गया है, जो पहले भाजपा में थी। उन्हे कांग्रेस में शामिल किए गए जाने के बाद प्रत्याशी बनाया गया है, गौरतलब है कि खिलाड़ी सिंह आर्मो को लेकर कांग्रेस के सशक्त दावेदार जमुना मरावी, कौशल्या गोटियां, नन्हेलाल धुर्वे पहले से ही विरोध के स्वर मुखर कर चुके थे, ऐसे में पार्टी में इस सीट को लेकर बवाल मचा हुआ है।
इसी प्रकार बरगी विधानसभा क्षेत्र में भी संजय यादव को टिकट मिलने के कारण विरोध के स्वर उठ रहे हैं। चर्चाएं हैं कि यहां के बागी नेता निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल करेंगे। इसके साथ ही पार्टी के विरोध में पूरी विधानसभा क्षेत्र में प्रचार प्रसार करेंगे। यही हाल केंट विधानसभा है यहां पर आलोक मिश्रा को टिकट दे दिया गया है, जबकि युवा नेता जो भाजपा से कांगे्रस में शामिल हुए थे, वे भी टिकट की की चाह रखे हुए हैं। उल्लेखनीय है कि दोनों के बीच जमकर तनातनी चल रही है, जिसका खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ सकता है।
बताया यह भी जा रहा है कि पूर्व विधानसभा में भी कांग्रेस के प्रत्याशी लखन घनघोरिया को विरोध का सामना करना पड़ सकता है। यहां पर कांगे्रेस में जमकर गुटबाजी चल रही है। यहां पर कांगे्रेस नेता गजेन्द्र सोनकर व अन्य चुनाव को प्रभावित क र सकते हैं। चर्चाएं हैं कि गजेन्द्र सोनकर टिकट के लिए लगे हुए थे, जो धन बल के आधार पर कांगे्रस प्रदेश अध्यक्ष अरूण यादव के जरिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने लखन घनघोरिया को टिकट दे दिया है, जिसके कारण उनका विरोध होना तय है। बताया जाता है कि यहां पर पार्टी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।