MP Election 2018: तीन दर्जन सीटों पर बागी मैदान में, भाजपा-कांग्रेस की बढ़ी मुश्किलें

MP Election 2018: तीन दर्जन सीटों पर बागी मैदान में, भाजपा-कांग्रेस की बढ़ी मुश्किलें

Bhaskar Hindi
Update: 2018-11-10 09:17 GMT
MP Election 2018: तीन दर्जन सीटों पर बागी मैदान में, भाजपा-कांग्रेस की बढ़ी मुश्किलें
हाईलाइट
  • 30 से ज्यादा सीटों पर मैदान में उतरे बागी
  • टिकट ने मिलने से हैं नाराज
  • मध्य प्रदेश में भाजपा-कांग्रेस के लिए मुसबीत बन सकती है बागी नेता

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में टिकटों की मारा-मारी के बीच बागियों ने भाजपा और कांग्रेस के लिए करीब तीन दर्जन सीटों पर मुश्किलें खड़ी कर दी है। नामकांन की तारीख के बाद टिकट न मिलने से नाराज दोनों ही पार्टियों के बागी नेता खुलकर सामने आ रहे है। बागी नेता अब पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ मोर्चा खोल रहे है। प्रदेश की 30 से ज्यादा ऐसी सीटें है जहां बगावत देखी जा रही है। 

दमोह और पथरिया बीजेपी पूर्व सांसद की बगावत 
बीजेपी से पांच बार सांसद और दो बार विधायक रहे कुर्मी वर्ग के नेता डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया ने एक साथ दो सीटों दमोह और पथरिया से नामांकन भरके वित्तमंत्री जयंत मलैया के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। 

विक्रांत भूरिया की बढ़ी मुसीबत
झाबुआ में कांग्रेस ने सांसद कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया को उम्मीदवार बनाया है। पूर्व विधायक जेवियर मेढ़ा उनके रास्ते में आ गए हैं। उन्होंने अपना पर्चा दाखिल कर दिक्कत पैदा कर दी है। भाजपा ने विरोध के चलते नामांकन से पहले बड़नगर से जितेंद्र पंडया की जगह संजय शर्मा को प्रत्याशी घोषित कर दिया है।

नीमच में मुध बंसल ने निर्दलीय भरा पर्चा
नीमच में कांग्रेस की जिला कार्यवाहक अध्यक्ष मधु बंसल ने टिकट नहीं होने पर निर्दलीय परचा भरा। इसी सीट से भाजपा से टिकट ना मिलने पर पूर्व विधायक खुमानसिंह शिवाजी के पुत्र जनपद सदस्य सज्जनसिंह चौहान ने नामांकन भरा। सपाक्स से भूपेंद्र गौड़ ने नामांकन भरा।

जावद, मल्हारगढ़, गरोठ में बगावती सुर
जावद में कांग्रेस नेता समंदर पटेल ने टिकट न मिलने पर नामांकन भरा। मल्हारगढ़ में कांग्रेस से 2008 व 2013 के प्रत्याशी रहे श्यामलाल जोकचंद ने वंचित रहने पर नामांकन भरा, उन्होंने कहा नाम वापसी तक टिकट बदलाव की पूरी उम्मीद। इसी तरह कांग्रेस से गिरीशकुमार ने भी फार्म भरा। गरोठ में टिकट कटने पर विधायक चंदरसिंह सिसौदिया ने भाजपा से नामांकन पत्र भरा। भाजपा के वरिष्ठ नेता अमरलाल मीणा ने भी नामांकन भरा। कांग्रेस से जिपं सदस्य त्रिलोक पाटीदार, पूर्व जनपद अध्यक्ष रीना तूफानसिंह सिसौदिया ने भी परचा भरा।

सुवासरा, मनासा, पुष्पराजगढ़ में बागी
सुवासरा में कांग्रेस के जिला कार्यवाहक अध्यक्ष ओमसिंह भाटी ने पार्टी के फैसले के विरोध में नामांकन भरा। बीजेपी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष ओमप्रकाश काला ने भी नामांकन भरा।मनासा में कांग्रेस के पूर्व विधायक विजेंद्रसिंह मालाहेड़ा व कांग्रेस नेता व जिला उपाध्यक्ष मंगेश सिंघई ने नामांकन भरा। पुष्पराजगढ़ सीट से भाजपा के पूर्व विधायक सुदामा सिंह ने पर्चा भरा। यहां से कांग्रेस के जिला पंचायत उपाध्यक्ष रामसिंह बागी हो गए हैं।

अनूपपुर में रौतेल बने रोड़ा
अनूपपुर में कोल प्राधिकरण के सदस्य बिसाहूलाल रौतेल भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ मैदान में आ गए हैं। कोतमा में विधायक मनोज अग्रवाल टिकट कटने से नाराज हैं और मोर्चा खोल दिया है। यहीं से भाजपा के पूर्व प्रत्याशी राजेश सोनी भी मैदान में आ गए हैं। सिंहावल से पूर्व प्रत्याशी विश्वामित्र पाठक मैदान में हैं। उनके बेटे व सिंगरौली जिला पंचायत अध्यक्ष अजय पाठक ने पद से इस्तीफा दे दिया है। 

नागोद, पनागर में बगावत
नागोद सीट से सतना जिला पंचायत उपाध्यक्ष रश्मि सिंह पटेल ने इस्तीफा देकर नामांकन भरा है। मुड़वारा से कटनी जिला पंचायत उपाध्यक्ष संतोष शुक्ला ने भाजपा प्रत्याशी के विरोध में पर्चा भरा। पनागर से भाजपा के पूर्व विधायक नरेंद्र त्रिपाठी व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भारत सिंह यादव मैदान में कूद गए हैं। 

जबलपुर उत्तर में शरद जैन की बढ़ी मुश्किलें 
जबलपुर उत्तर से राज्यमंत्री शरद जैन के विरोध में भाजपा के वरिष्ठ नेता धीरज पटेरिया ने पर्चा भरा है। सागर सीट से भाजपा नेता मुकेश जैन ढाना मैदान में हैं। सतना से भाजपा के वरिष्ठ नेता रामोराम गुप्ता सपाक्स से प्रत्याशी बने हैं। 

इंदौर 1 पर बगावत
कांग्रेस की छठी लिस्ट जारी होने के बाद इंदौर-1 के उम्मीदवार को बदल दिया गया। यहां संजय शुक्ला को टिकट दे दिया गया। दीवाली के दिन कांग्रेस ने प्रीति अग्निहोत्री को अपना उम्मीदवार घोषित किया, लेकिन बगावत को देखते हुए कांग्रेस ने उम्मीदवार को बदल दिया। संजय शुक्ला ने टिकट नहीं मिलने पर पत्नी को निर्दलीय चुनावी मैदान में उतारने की बात कही थी। वहीं इंदौर की विधानसभा 1 से प्रीति गोलू अग्निहोत्री का नाम पार्टी ने घोषित किया था। इसके बाद से दूसरे दावेदार कमलेश खंडेलवाल और संजय शुक्ला बगावत पर उतर आए थे। संजय शुक्ला ने पत्नी को विधानसभा एक से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़ाने की बात कही थी। कमलेश खंडेलवाल ने भी निर्दलीय मैदान में उतरने की बात कही थी।

हुजूर, उत्तर, मध्य विधानसभा सीट पर बगावत
हुजूर विधानसभा सीट पर भाजपा के उम्मीदवार रामेश्वर शर्मा के खिलाफ भाजपा के ही बागी नेता जितेन्द्र डागा ने बगावत कर दी है। हुजूर से रामेश्वर शर्मा को टिकट मिला तो उनके खिलाफ विरोध होने लगे। पूर्व भाजपा पदाधिकारी श्यामसिंह मीणा का कहना है कि वे और उनके समर्थक पूरा जोर लगाएंगे। श्याम ने रविवार को नामांकन फॉर्म तैयार कर लिया है। जल्द ही शुभ मुहूर्त में नामांकन दाखिल करने की बात कही है। वे लगातार गोपनीय बैठकें कर रहे हैं, कार्यकर्ताओं से फीड बैक ले रहे हैं। मध्य विधानसभा सीट पर भी ध्रुव नारायण सिंह ने सुरेंद्र नाथ सिंह के विरोध में ताल ठोक दी है। श्याम मीणा भी रामेश्वर के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। गोविंदपुरा सीट को लेकर मचे संग्राम में पर्यटन विकास बोर्ड के अध्यक्ष तपन भौमिक भी कूद पड़े हैं। भौमिक ने रविवार को संगठन महामंत्री सुहास भगत से मिलकर गौर के खिलाफ नरमी नहीं दिखाने की बात कही।

पूनम सोंलकी ने की बगावत
रतलाम ग्रामीण से टिकट न मिलने पर भाजपा जिला मंत्री डॉ. पूनम सोलंकी ने बगावत करते हुए पर्चा दाखिल किया। सैलाना में टिकट कटने से नाराज विधायक संगीता चारेल ने पर्चा भर दिया।

जावरा में कांग्रेस-भाजपा के बागी
जावरा में भाजपा से दो व कांग्रेस से तीन दावेदारों ने बगावती तेवर दिखाए। भाजपा से पिपलौदा नगर परिषद अध्यक्ष श्याम बिहारी पटेल, मंडी संचालक प्रतिनिधि विश्वजीतसिंह आंबा व कांग्रेस से हमीरसिंह राठौर, पूर्व नपाध्यक्ष यूसुफ कड़पा व जिला पंचायत उपाध्यक्ष डीपी धाकड़ ने नामांकन दाखिल किया है। 

सीहोर-उज्जैन में बगावत
सीहोर से ऊषा सक्सेना ने भाजपा की जगह निर्दलीय फार्म भरा। भाजपा ने बड़नगर से प्रत्याशी बदला- भाजपा ने नामांकन से पहले बड़नगर (उज्जैन) से प्रत्याशी बदल दिया है। सूची में पहले जितेंद्र पंडया को प्रत्याशी बनाया गया था, लेकिन भारी विरोध को देखते हुए संगठन ने इस सीट से संजय शर्मा को प्रत्याशी घोषित कर दिया। संगठन ने आनन-फानन में उज्जैन से संगठन मंत्री प्रदीप जोशी को सूचना दी। इसके बाद बी फॉर्म संजय को दिया गया। 

राघवजी बने मुसीबत
प्रदेश के पूर्व वित्तमंत्री राघवजी ने शमशाबाद सीट से पर्चा भरा है। वे सपाक्स से मैदान में उतरे हैं। पर्चा भरते ही सपाक्स के संरक्षक और विदिशा से उम्मीदवार राकेश शर्मा ने आनन-फानन में राघवजी को सपाक्स पार्टी का बी फार्म उपलब्ध करवाया। इस मौके पर राघवजी ने कहा कि पार्टी द्वारा बेटी ज्योति शाह को टिकट नहीं दिए जाने से वे काफी निराश है। भाजपा से राजश्री सिंह को टिकट देने वाले पार्टी नेता ज्यादा दोषी हैं।

विजयपुर, लहार में भाजपा नेता की बगावत
विजयपुर में भाजपा नेता आैर पूर्व विधायक बाबूलाल मेवरा टिकट न मिलने से नाराज होकर पार्टी से नाता तोड़कर बसपा में शामिल हो गए हैं। वे विजयपुर सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। लहार में भाजपा नेता अंबरीश शर्मा उर्फ गुडडू ने भाजपा से बगावत कर दी। शर्मा ने बसपा का दामन थाम लिया है। बसपा ने उन्हें लहार विस सीट से टिकट भी दे दिया है। करैरा से भाजपा के रमेश खटीक को लगातार दूसरी बार टिकट नहीं मिला तो उन्होंने बगावत कर दी। भाजपा ने यहां पर पूर्व विधायक ओमप्रकाश खटीक के बेटे को टिकट दिया तो रमेश खटीक सपाक्स से मैदान में आ गए। 

बागियों को मनाने में जुटे दिग्गज
कांग्रेस में इसकी कमान दिग्विजय सिंह को दी गई है। वे मध्यभारत और मालवा के साथ पूरे मप्र में घूमेंगे। चंबल-ग्वालियर में ज्योतिरादित्य सिंधिया, विंध्य में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और महाकौशल व बुंदेलखंड में कमलनाथ डैमेज कंट्रोल करेंगे। भाजपा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ नरेंद्र सिंह तोमर, राकेश सिंह व संगठन महामंत्री भगत के साथ विनय सहस्त्रबुद्धे यह काम देखेंगे। विनोद गोटिया और सत्येंद्र भूषण बागियों की सूची बनाएंगे। इसके बाद संगठन उन्हें समझाने-मनाने का काम शुरू करेगा।ग्वालियर में भाजपा की पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता ने ग्वालियर दक्षिण से निर्दलीय रूप में पर्चा भरा। यहीं से कांग्रेस से भगवान सिंह ने नामांकन भरा, जबकि प्रवीण पाठक अधिकृत प्रत्याशी हैं। टिकट कटने से नाराज भिंड से भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह ने सपा से पर्चा भर दिया। श्योपुर में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बृजराज चौहान ने टिकट न मिलने पर निर्दलीय नामांकन फार्म भर दिया।

 

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