NCP के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेगी कांग्रेस : अशोक चव्हाण
NCP के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेगी कांग्रेस : अशोक चव्हाण
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में कहीं जगहों पर राकांपा नेताओं की तरफ से कांग्रेस उम्मीदवारों की मदद न करने कि शिकायतों के बावजूद विधानसभा चुनाव दोनों दल मिल कर लड़ेंगे। कांग्रेस की दो दिवसीय मंथन बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में चव्हाण ने कहा कि राकांपा के साथ गठबंधन को लेकर हम सकारात्मक हैं। एक दिन पहले कांग्रेस की मंथन बैठक में पार्टी के कई नेताओं ने लोकसभा चुनाव में राकांपा नेताओं की भूमिका को लेकर नाराजगी जताते हुए राकांपा की बजाय वंचित बहुजन आघाडी के साथ गठबंध की वकालत की थी। शनिवार को चव्हाण ने कहा कि मीडिया में आ रही खबरें सही नहीं है।
हम राकांपा के साथ मिल कर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि यह सही है कि लोकसभा चुनाव हारने वाले कांग्रेस के कुछ उम्मीदवारों ने यह शिकायत की है कि उनके क्षेत्र में राकांपा नेताओं ने उनके खिलाफ कार्य किया, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि हम राकांपा के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। बैठक में पार्टी प्रभारी मल्लिकार्जुन खर्गे, पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री सुशीलकुमार शिंदे, बाळासाहेब थोरात, माणिकराव ठाकरे, हर्षवर्धन पाटील, नसीम खान, डॉ. नितीन राऊत, कृपाशंकर सिंह, हुसेन दलवाई, अमित देशमुख,भाई जगताप, सी. पाडवी, प्रदेशाध्यक्ष सत्यजीत तांबे, विलास औताडे, जयप्रकाश छाजेड, रामकिशन ओझा आदि मौजूद थे।
नए मतदाताओं तक नहीं पहुंच सकी कांग्रेस
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद मंथन में जुटे कांग्रेस नेताओं ने हार के कई कारण गिनाए। सूत्रों के अनुसार बैठक में कई नेताओं ने कहा कि नए मतदाता पूरी तरह से नरेंद्र मोदी के साथ खड़े थे। कांग्रेस उन तक पहुंच नहीं सकी। इस दिशा में कांग्रेस पार्टी की तरफ से कोई गंभीर पहल भी नहीं की गई। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि बैठक में यह बात भी सामने आई कि हम वंचित बहुजन आघाडी को समझ नहीं पाए। इस मौके पर विदर्भ खासकर नागपुर में कांग्रेस पार्टी की गुटबाजी के मसले पर भी चर्चा हुई। बैठक में नेताओं ने विश्वास जताया कि लोकसभा चुनाव में करारी हार के बावजूद विधानसभा चुनाव सही ढंग से लड़ा जाए तो स्थिति बदल सकती है। पार्टी के एक नेता ने कहा कि विदर्भ में बसपा भी कांग्रेस के लिए एक चुनौती है। बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि उम्मीदवारों के नामों की घोषणा जल्द की जाए और अमरावती सहित कुछ जगहों पर स्थानीय स्तर पर भी छोटे दलों के साथ गठबंधन किए जाएं।