जेजानी की दो राइस मिल को जिलाधीश ने डाला ब्लैक लिस्ट में 

निम्न स्तर के चावल की आपूर्ति जेजानी की दो राइस मिल को जिलाधीश ने डाला ब्लैक लिस्ट में 

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-25 07:39 GMT
जेजानी की दो राइस मिल को जिलाधीश ने डाला ब्लैक लिस्ट में 

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अहेरी के सरकारी गोदाम में निम्न स्तर के चावल की आपूर्ति करने के मामले में  गड़चिरोली के जिलाधिकारी संजय मीना ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इस मामले में जिलाधिकारी ने देसाईगंज की 2 राइस मिल को काली सूची में दर्ज कर दिया है। इन राइस मिल में सपना संजयकुमार जेजानी की मे. देवीकमल राइस मिल और कमलाबाई देवीदत्त जेजानी की मे. जेजानी राइस मिल का समावेश है। अब यह दोनों राइस मिल आगामी 3 वर्ष तक सरकारी धान की पिसाई नहीं कर पाएगी।  बता दें कि, आदिवासी विकास महामंडल द्वारा एकाधिकार धान खरीदी योजना के माध्यम से किसानों से धान की खरीदी की जाती है। धान की खरीदी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद धान पिसाई की अनुमति प्राप्त करने वाले राइस मिल धारकों को धान पिसाई के लिए उपलब्ध कराया जाता है। धान की पिसाई कर तैयार चावल सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सरकारी गोदामों में पहुंचाया जाता है। कई बार ऐसा पाया गया है कि, सरकारी अनाज (चावल) निम्न स्तर का है। इस संदर्भ में कई बार जिला प्रशासन समेत आपूर्ति विभाग को शिकायतें भी प्राप्त हुई है। इस बीच 4 मई से 13 मई 2022 की कालावधि में केंद्र सरकार की जांच नियंत्रण टीम ने गड़चिरोली जिले की विभिन्न राइस मिल और सरकारी गोदामों की जांच की। इस दौरान देसाईगंज की मे. देवीकमल राइल मिल और मे. जेजानी राइस मिल के चावल के नमूने निम्न स्तर के पाये गये थे।

विभाग के अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसकी वरिष्ठ स्तर पर जांच कराने के आदेश जारी किए थे। मे. जेजानी राइस मिल द्वारा अहेरी के सरकारी गोदाम में पहुंचाया गया चावल भी निम्न स्तर का पाया गया था फलस्वरूप दोनों राइस मिल के मालिकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर चावल के नमूनों की नागपुर के संशोधन केंद्र में जांच की गयी। जांच में उक्त चावल खाने योग्य नहीं पाया गया फलस्वरूप हाल ही में 15 नवंबर को मे. जेजानी राइस मिल और मे. देवीकमल राइस मिल की ओर से संजय जेजानी ने अपना स्पष्टीकरण पेश किया। लेकिन यह स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं होने के कारण केंद्र सरकार के 16 जुलाई 2021 के एसओपी के अनुसार उक्त दोनों राइस मिल को काली सूची में डालने का फैसला लिया गया है। इस आशय के आदेश गुरुवार, 24 नवंबर को जिलाधिकारी संजय मीना ने अपने हस्ताक्षर से पारित किये हंै। यह आदेश जारी होते ही अब आगामी 3 वर्ष  तक संबंधित राइस मिल सरकारी धान की पिसाई नहीं कर पाएगा।  

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