गाड़गे बाबा की झाडू से दिमाग के गलत विचारों को साफ करें
राज्य स्तरीय अभंग एवं भजन स्पर्धा गाड़गे बाबा की झाडू से दिमाग के गलत विचारों को साफ करें
डिजिटल डेस्क, अकोला। विदर्भ में संत गाडगे बाबा जो एक महान संत हुए। गाडगे बाबा दिन में अपने झाडू से गांव को साफ करते थे और शाम को अपनी कीर्तन रूपी झाडू से लोगों के बुरे विचारों को साफ कर के जीवन जीने के सही तरीके के बारे में मार्गदर्शन करते थे। उनके विचारों को अपनाकर सभी बंदिजन बांधवों ने अपने साथ अन्य के जीवन से गलत विचारों को बाहर निकालने का आवाहन शरद क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक प्रतिष्ठान के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत खाबिया ने किया। शरद क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक प्रतिष्ठान की ओर से देश के स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव और प्रतिष्ठान की रजत जयंती के अवसर पर जगद्गुरु श्री संत तुकाराम महाराज राज्य स्तरीय अभंग एवं भजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें कारागार के बन्दीजनों ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और अपनी कला का प्रदर्शन कर उपस्थितों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
जिला कारागृह में देश के अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित अभंग-भजन प्रतियोगीता में अकोला के कैदियों ने अपनी प्रस्तुति विविध भजनों व अभंगों के जरिए दी। इसमें और ‘अबीर गुलाल, तुझ्या माझ्या देवा, नको देव राया अंत आता पाह, और स्वयं रचित कहानी जीवन की मैं बताने आया" जैसी रचनाओं का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर लक्ष्मीकांत खाबिया ने बंदिजनों से संवाद साधा। कारागार अधीक्षक सुभाष निर्मल, वरिष्ठ कारागार अधिकारी ज्ञानेश्वर पाटिल, कारागार अधिकारी महेश जोशी, डा. रविंद्र आर्य, शरद क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक प्रतिष्ठान के अध्यक्ष एवं प्रतियोगीता प्रमुख लक्ष्मीकांत खाबिया, उपाध्यक्ष नंदकुमार बंड, हभप अच्युत महाराज कुलकर्णी, ज्ञानेश्वर शिंदे, ट्रस्टी विवेक थिटे, संजय मिसाल, शंकर धूमाल, संगीत अध्यापक पद्माकर मोरे, प्रतिष्ठान के अकोला जिला अध्यक्ष शिवराज गावंडे, बुलडाना जिलाध्यक्ष हरिदास आखरे, नलिनी गावंडे, विशाल बोरे, आरजे गौरव, माधव भगत, श्याम राउत आदि उपस्थित थे।