सिविल अस्पताल के कर्मचारी की हत्या का खुलासा, गार्ड निकला आरोपी
सिवनी सिविल अस्पताल के कर्मचारी की हत्या का खुलासा, गार्ड निकला आरोपी
डिजिटल डेस्क, सिवनी। लखनादौन के सिविल अस्पताल के आउटसोर्स कर्मचारी विक्की कहार की हुई हत्या के मामले का खुलासा हो गया। गुरुवार को एसडीओपी दीपक मिश्रा ने प्रेसवार्ता में इस मामले की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि अस्पताल के गार्ड संतोष धुर्वे ने ही विक्की की हत्या की थी। इस मामले में उसकी गिरफ्तारी हो चुकी है। इस मामले में और भी जांच पड़ताल की जा रही है। ज्ञात हो कि 30 सितंबर की सुबह सिविल अस्पताल की छत पर विक्की कहार की लाश नग्न अवस्था में मिली थी। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर छानबीन शुरु की थी।
ऐसे दिया घटना को अंजाम
पुलिस ने आरोपी गार्ड संतोष धुर्वे(27)को अक्सर विक्की कहार नौकरी से निकालने की धमकी देता था। गालियां देता रहता था। २९ सितंबर की रात को विक्की ने संतोष को फोन पर कहा कि अस्पताल की टंकी का पानी खत्म हो गया है जल्दी से बोर चालू कर। दोनों जब छत पर थे तब भी विक्की ने गालियां दी। जैसे ही विक्की सीढ़ी से उतरने जा रहा था तभी संतोष ने वहां पर रखी लोहे की रॉड से उसके सिर पर हमला कर दिया। थोड़ी ही देर बाद विक्की की मौत हो गई। इसके बाद संतोष ने उसके कपड़े इसीलिए उतार दिए ताकि यह साबित हो सके कि विक्की गलत काम करने आया होगा। इसके बाद संतोष अपने कमरे में आकर सो गया।
परेशान हो गया था
संतोष के अनुसार विक्की बीएमओ को खास बन गया था। वह उसे अक्सर परेशान करता था। जब चाहे गार्ड की नौकरी से निकालने की बात कहते हुए गाली गलौच करता था। अस्पताल में पानी की पाईप लाईन को कोई तोड़ देता था तो विक्की मेरे पर ही शक करता था इसीलिए परेशान होकर गुस्से में आकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी से लोहे की रॉड जब्त की है। इस कार्रवाई में थाना प्रभारी मनोज गुप्ता, एसआई मनीष बंसोड, रंजीत धुर्वे, एएसआई हरिसिंह पटेल, आरक्षक नवनीत पाण्डेय, धनेश्वर यादव, राघवेंद्र राजपूत, अनिल लोखण्डे, संदीप उईके और अरविंद यादव शामिल रहे।
इधर आरोपी के परिजनों ने किया हंगामा
पुलिस ने घटना का जैसे ही खुलाया किया तभी आरोपी के परिजन थाने पहुंच गए। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि पुलिस ने झूठा प्रकरण बनाया है। पुलिस ने किसी के दबाव में आकर गलत प्रकरण बनाया है। इस पर जांच होना चाहिए और असल गुनाहगार को सामने लाए। जबकि पहले भी संतोष को पकड़कर जबरन पूछताछ की गई और परेशान किया गया। इस बीच मृतक के परिजन भी थाने पहुंच गए। उन्होंने भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर लापरवाही के आरोप लगाए। उनका कहना है कि इतने दिन बाद भी हत्या का खुलासा नहीं हुआ था। आनन फानन में गलत प्रकरण बना दिया गया। इसकी जांच उच्चस्तर पर होना चाहिए। दोनों पक्षों के परिजनों का करीब तीन घंटे तक थाने में हंगामा चलता रहा। प्रदर्शन को देखते हुए आसपास के थाना प्रभारियों को बल के साथ बुला लिया गया था।
इनका कहना है
मामले की जांच पड़ताल के बाद ही आरोपी को पकड़ा गया है। अभी प्रकरण बाइंडअप नहीं हुआ है। जांच जारी है इसमें जो भी साक्ष्य सामने आएंगे उस आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
दीपक मिश्रा, एसडीओपी, लखनादौन