मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना बेसहारों का बनी सहारा (खुशियों की दास्ताँ) अनाश्रित भारत और दुर्गा को मिलेगी पांच-पांच हजार रूपए की प्रतिमाह आर्थिक सहायता और निःशुल्क खाद्यान्न!

मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना बेसहारों का बनी सहारा (खुशियों की दास्ताँ) अनाश्रित भारत और दुर्गा को मिलेगी पांच-पांच हजार रूपए की प्रतिमाह आर्थिक सहायता और निःशुल्क खाद्यान्न!

Bhaskar Hindi
Update: 2021-06-16 09:15 GMT

डिजिटल डेस्क | आगर-मालवा कोविड -19 महामारी कई परिवारों पर मुसीबत का पहाड़ बनकर टूटी है। कई परिवारों पर कोरोना का कहर ऐसा बरपा है कि हंसते-खेलते परिवार बिखर गए है। कई मासूम बच्चे अनाथ हो गया है। बच्चों से माता-पिता का साया छीन कर उन्हें बेसहारा कर दिया है। ऐसे बच्चों में आगर-मालवा जिले के ग्राम पचेटी निवासी भारत एवं दुर्गा भी शामिल है। उनके सिर माता-पिता का साया उठ गया। पूर्व में पिताजी की दुर्घटना से मृत्यु होने तथा कोरोना संक्रमण से एक ही समय में दादा, दादी एवं माता का निधन होने से उनका भरण-पोषण करने वाला कोई नहीं बचा है। ऐसे कठिन समय में अनाश्रित दोनो भाई-बहनों के लिए मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना सहारा बनी है। योजना में बच्चों को प्रतिमाह पांच-पांच हजार रूपए की आर्थिक सहायता एवं निःषुल्क खाद्यान्न दिया जाएगा। इतना ही नहीं सरकार द्वारा बच्चों को स्कूली षिक्षा एवं उच्च षिक्षा के लिए सहयोग प्रदान किया जाएगा। इसके लिए महिला बाल विकास विभाग द्वारा बच्चों से संबंधित जानकारी भी संकलित कर ली गई है।

अनाश्रित बालक भारत बताता है कि बचपन में ही पिता मांगीलाल की मृत्यु एक सड़क दुर्घटना में हो गई थी। पिता की मृत्यु के बाद घर की संपूर्ण जिम्मेदारी माता श्यामाबाई पर आ गई। मॉ ने कभी पिताजी के न होने का एहसास हम दोनों भाई-बहनों का न होने दिया। हमारे साथ घर में वृद्ध दादा-दादी का पालन पोषण भी मेहनत मजदूरी करके करती रही। लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर परिवार पर कहर बनकर टूटी। कोरोना के कारण 21 अप्रैल को दादाजी, 22 अप्रैल को दादीजी और माताजी श्यामा बाई का अकस्मात निधन हो गया है। जो हम भाई-बहनों के लिए किसी वज्रपात से कम नहीं था। ऐसे कठिन समय में अनाश्रित बच्चों को सहारा देने हेतु संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने हम जैसे अनाथ हुए बच्चों का दुख-दर्द समझा और प्रदेश में मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना लागू कर अनाथ हुए बच्चो को आर्थिक एवं खाद्य सुरक्षा प्रदान की।

जिससे हम गरिमापूर्ण जीवन निर्वाह करते हुए अपनी शिक्षा भी निर्विघ्न रूप से पूरी कर सके। अब हमें प्रतिमाह पांच-पांच हजार रुपए की आर्थिक सहायता राशि मिलने से हमारा गुजारा आसानी से हो जाएगा। हमारी सबसे बड़ी चिंता दूर करने के लिए मैं प्रदेश सरकार के मुखिया श्री शिवराज सिंह चौहान तथा जिला प्रशासन के प्रति हृदय से धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ। बालिका दुर्गा कहती है कि मुख्यमंत्री ने अपने मामा होने के फर्ज को निभाकर ऐसी गंभीर परिस्थिति में मुझ जैसी बेसहारा भानजी को सहारा देकर भरण-पोषण की चिंता से मुक्त किया है। हम उनके बहुत आभारी हैं। माता-पिता की असमय मृत्यु से हमारे ऊपर जो कुठाराघात हुआ उससे दोनों भाई-बहन के पालन-पोषण से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य आदि की चिंता सताने लगी थी।

प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन का इस कठिन समय में जो सहयोग मिला वह वास्तव में अभूतपूर्व है। हमारे पालकों के न होने पर शासन की यह योजना एक समर्थ संरक्षक की भांति हम भाई बहन के साथ खड़ी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कोविड-19 महामारी से अनाथ हुए बच्चों की पीड़ा को समझा है। मुख्यमंत्री जी की मंशानुरूप योजनान्तर्गत बच्चों के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते उन्हें पांच हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन सहायता, खाद्य एवं निःशुल्क शिक्षा की सुविधा प्रदान किये जाने हेतु जिला कलेक्टर अवधेश शर्मा ने महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों को अनाथ बच्चों को योजना का लाभ दिलाने के लिए निर्देशित किया है।

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