छत्तीसगढ़ की मानव तस्करी से निपटने की तैयारी
सरकार एक्शन के मूड में छत्तीसगढ़ की मानव तस्करी से निपटने की तैयारी
डिजिटल डेस्क, रायपुर। छत्तीसगढ़ में होने वाली मानव तस्करी को सरकार चुनौती मानती है और यही कारण है कि इससे निपटने के लिए सरकार की ओर से तैयारियां हो रही हैं। मानव तस्करी विरोधी इकाई को 24 वाहन सौंपे गए हैं। मानव तस्करी के मामले राज्य के कई इलाकों से आते हैं, ऐसे मामलों का जल्दी खुलासा हो और जरुरतमंद को समय पर मदद मिले इसके लिए वाहन सुविधा में इजाफा किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेष बघेल ने राज्य में पुलिस प्रशासन को त्वरित कार्रवाई के लिए 61 नए वाहनों की सौगात दी है। इनमें हाईवे पेट्रोलिंग अंतर्गत 15 वाहन, मानव तस्करी विरोधी इकाई के अंतर्गत 24 वाहन तथा कानून व्यवस्था हेतु 22 वाहन शामिल हैं।
मानव तस्कार विरेाधी व्यवस्था के सु²ढ़ीकरण के लिए सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं। एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट द्वारा गुम बच्चों के ऐसे प्रकरण, जिसमें बालक लंबे समय तक बरामद नहीं हो पाता है उनकी खोज की दिशा में प्रयास तेज किए जाएंगे। इसके साथ ही मानव तस्करी की प्रभावी विवेचना करना, मानव तस्करी के पीड़ितों का बचाव कार्य, पीड़ितों की उचित देखभाल एवं काउंसलिंग उपलब्ध कराना है।
वहीं इस इकाई का काम पुलिस एवं अन्य विभागों के संबंधित अधिकारियों हेतु प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन कराना, मानव तस्करी के अपराधों का रिकार्ड का संधारण करना, अंतर्राज्यीय समन्वय स्थापित करना एवं मानव तस्करी के विरूद्ध जनजागरूकता अभियान का संचालन करना है। राज्य के 11 जिले जिनमें जशपुर, सरगुजा, कोरबा, रायगढ़, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार, महासमुंद, बस्तर, नारायणपुर एवं बलरामपुर शामिल है, यहां मानव तस्करी के मामले ज्यादा सामने आते हैं।
इन जिलों को एक-एक चार पहिया वाहन, मोटर सायकल एवं अन्य संसाधन उपलब्ध कराये गये थे। इस वर्ष राज्य के सभी जिलों में निर्भया फण्ड के तहत साढ़े करोड़ रूपए से ज्यादा की राशि नवीन एएचटीयू की स्थापना एवं पूर्व गठित एएचटीयू के सुढ़ीकरण हेतु नए वाहन प्रदान किए गए हैं। इस फण्ड से कुल 24 हल्का वाहन तथा 46 मोटर सायकल व अन्य संसाधन क्रय कर पूर्व एवं नवगठित प्रत्येक एन्टी ह्यूमेन ट्रैफिकिंग यूनिट को उपलब्ध कराया गया है।
(आईएएनएस)